अंबेडकर नगर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान आलापुर में चल रहे पांच दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण चतुर्थ बैच के आज को समापन हो गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन निर्णय कौशल, सृजनात्मकता कौशल, समस्या समाधान कौशल पर चर्चा की गई। इस प्रशिक्षण में 400 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। समापन सत्र में प्रशिक्षण प्रभारी वीना चौधरी ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए सीखे गए कौशलों को अपने जीवन में भी उतारने का अध्यापकों से आह्वान किया। बताया कि तनावपूर्ण जीवन को सहज बनाने एवं विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन के लिए जीवन कौशल बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को स्वयं अपने एवं बच्चों के अंदर जीवन कौशल का विकास करना चाहिए जिससे कि वह चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में सामना कर सकें। उन्होंने बताया कि जीवन कौशल वास्तव में सार्थक और सकारात्मक रुप से जीने की एक कला है, जो जीवन पर्यंत चलती रहती है।साथ ही शिक्षकों एवं बच्चों में जीवन कौशल के विकास हेतु गतिविधियों पर चर्चा की। डायट प्रवक्ता श्याम बिहारी बिंद ने कहा कि यह जीवन कौशल हम सभी में होते हैं लेकिन इस प्रशिक्षण के माध्यम शिक्षकों द्वारा तनाव प्रबंधन और भावना प्रबंधन करते हुए अपने व्यक्तित्व को और ज्यादा निखारा जा सकता है। संदर्भदाता शुचि राय ने प्रशिक्षण में अलग-अलग प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण को रोचकता के साथ पूर्ण किया गया। अन्य संदर्भदाताओं ने आत्म जागरूकता, समस्या समाधान, भावना व तनाव प्रबंधन, किसी की आलोचना के स्थान पर समालोचना और अपने संप्रेषणों का सही प्रयोग करने को ही जीवन की कुशलता बताया के बारे में बताया।
इस अवसर पर डायट प्रवक्ता अखिलेश वर्मा,नित्येश प्रसाद तिवारी, राकेश कुमार वर्मा,शशिकांत, दिनेश मौर्य ,वीरेंद्र वर्मा, मोहम्मद अफजल, डॉ सुरेश कुमार, प्रमोद सेठ ,श्याम बिहारी बिंद, मो.फैजान व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।