अम्बेडकर नगर। विभिन्न मांगो को लेकर आंदोलित किसानों ने टाण्डा अकबरपुर मार्ग पर इनामी पुर उपरिगामी सेतु के पास मुख्य मार्ग को तीसरे दिन पुनः जाम कर दिया और अर्ध नग्न होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं महिलाये थाली बजा रही है, किसान नेताओं ने दोपहर बाद तहसील टाण्डा में जिलाधिकारी से पुलिस अधीक्षक डा0 कौस्तुभ की मौजूदगी में वार्ता की वार्ता के बाद जाकर आंदोलन को उग्र कर दिया एम्बुलेंस व 112 पुलिस की गाड़ियां भी नही जाने पाई।
मौके पर एसडीएम टाण्डा मोहनलाल गुप्ता, एसडीएम न्यायिक शशि शेखर ,सीओ टाण्डा शुभम कुमार, तहसीलदार, कोतवाल न टाण्डा व अलीगंज थानाध्यक्ष भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233 से प्रभावित किसानों ने एक बार फिर टाण्डा-अकबरपुर मुख्य मार्ग को पूरी तरह जाम कर दिया है। इस बार किसान आरपार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रहे हैं। बीच सड़क पर ही समुहिक रसोई घर बना दिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के जिलाध्यक्ष विनय कुमार वर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों किसान परिवार टाण्डा अकबरपुर मुख्य मार्ग पर बैठ गया है। किसानों का कहना है कि तीन चक्र में उनकी भूमि अधिग्रहण किया गया था और प्रथम व द्वितीय अधिग्रहण के दौरान उन्हें 15 रुपये की जगह मात्र एक रुपया मुआवजा दिया गया था लेकिन तीसरे अधिग्रहण में उनके साथ छल पूर्वक काफी कम मुआवजे का एवार्ड किया गया जिसमें भी सुलेमपुर, धौरहरा व पैकोलिया को छोड़ दिया गया। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विनय ने कहा कि किसानों की मांग है कि उनको तीनों चक्र में हुए अधिग्रहण के प्रत्येक गाटा से 0.0510 हेक्टर आवासीय दर पर मुआवजा दिया जाए। विनय का दावा है कि गुरुवार को चार घंटा सड़क जाम के बाद जिला व तहसील प्रशासन ने लिखित समझौता किया था लेकिन समझौता पत्र में काफी कट था जिसे फ्रेश कर किसान पुनः समझौता करना चाहते है लेकिन प्रशासन तैयार नहीं हो रहा है। टाण्डा एसडीएम मोहनलाल गुप्ता ने बताया कि किसान यूनियन से वादा किया गया है कि नियमतः अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने का कार्य किया जाएगा लेकिन किसान यूनियन बिना नियम के समझौता कराने का दबाव बना रही है जो मुश्किल है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को सूचना दी जा चुकी है और बहुत जल्द सकारात्मक निर्णय होगा।
सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा नारेबाजी भी की जा रही है और इस दौरान किसी भी तरह के वाहनों को पास नहीं होने दिया जा रहा है। किसानों द्वारा एम्बुलेंस व डायल-112 जैसे आपातकालीन सेवाओं को भी जाने का मौका नहीं दिया। सैकड़ों पुरुषों के हाथों में जहां लाठियां हैं वहीं महिलाओ के हाथों में हसिया व थाली थी। पुरुष किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो महिलाएं हसिया से थाली पीट कर शासन व प्रशासन का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कराने में जुटे हैं। समाचार प्रेषण तक मुख्य मार्ग जाम व प्रदर्शन जारी है।