अयोध्या। अवध यूनिवर्सिटी, अयोध्या में विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए। पहला कार्यक्रम पर्यावरण विज्ञान विभाग एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी रहा, जिसका विषय था– विश्वस्तरपरप्लास्टिकप्रदूषणकोसमाप्तकरना। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल ने प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए एक गंभीर त्रासदी बताते हुए कहा कि यह न केवल भूमि, जल और वायु को प्रदूषित कर रहा है, बल्कि मानव और जीवों के शरीर में भी प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक अब समुद्र की गहराइयों तक पहुंच चुका है और इसके उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अजय सिंह ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरों और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, प्रो. फर्रुख जमाल ने कहा कि पर्यावरणीय शिक्षा को प्राथमिक स्तर से बच्चों में विकसित करना समय की मांग है। यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी में वृक्षारोपण व औषधीय पौधों की उपयोगिता पर आधारित रहा। मुख्य अतिथि प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने वृक्षारोपण को आर्थिक व पारिस्थितिक दोनों दृष्टियों से आवश्यक बताया। निदेशक प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने इसे हरित भविष्य का आधार कहा। कार्यक्रम में गुलाब, हिबिस्कस, नीम, अमरूद, शीशम जैसे पौधों का रोपण किया गया। फार्माकोग्नोसी विभाग की फैकल्टी प्रियंका राजपूत ने औषधीय पौधों के गुणों की जानकारी दी। दोनों कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व अधिकारियों की बड़ी संख्या में सहभागिता रही।