अम्बेडकरनगर। हत्या के प्रकरण में ग्राम प्रधान समेत नामजद पांच आरोपियों में से दो की गिरफ्तारी किए जाने और गंभीर आरोपों के बावजूद ग्राम प्रधान को थाने पर बुलाकर खानापूर्ति कर छोड़ दिए जाने से क्षुब्ध मृतक के परिजनों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दे कर कार्रवाई की मांग की है।
बीते दिनों सोहगूपुर गांव में दिव्यांग के तालाब में मिले शव के प्रकरण में मृतक की अनुज वधू ने डीएम को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि ग्राम प्रधान अरविंद यादव और पीड़िता के पट्टीदारों ने मिलकर जेठ राजमान की हत्या कर शव को तालाब में फेंकवा दिया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन महज दो को जेल भेजा, जबकि तहरीर में नामजद ग्राम प्रधान जो पूर्व में कई बार पीड़ितों पर जानलेवा हमला करवा चुका है। पीड़िता ने तहरीर में यह भी कहा है की वोट की रंजिश के चलते ग्राम प्रधान तरह-तरह से परेशान करता रहता है कई बार हत्या की नीयत से जानलेवा हमला कर चुका है। पीड़िता और परिवार द्वारा बीते 2017 में घर वापसी करते हुए हिंदू धर्म ग्रहण किया था तभी से विपक्षी प्रधान नाराज है। पीड़िता ने ग्राम प्रधान पर परिवार के पीछे पड़ते हुए पुश्तैनी मकान को चक मार्ग बताकर गिरवा देने ,विरोध करने पर जमीन पट्टा देने का लालच देकर समझौता करवा देने के साथ आज तक पट्टा न दिए जाने के गंभीर आरोप प्रधान पर लगाए हैं।पीड़िता ने ज्ञापन में ये भी कहा है कि लेखपाल और पुलिस द्वारा बताई जगह पर समझौते के अनुसार उसके द्वारा आवास निर्मित दीवार को भी प्रधान द्वारा लोगों को ललकार कर गिरवा दिया गया जिसकी शिकायत की गई थी परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़िता ने अपने परिवार पर जान का खतरा बताते हुए तहरीर में आरोपी ग्राम प्रधान अरविंद यादव,राजेश और विकास को गिरफ्तार करने की मांग की है।
पुलिस सवालों के घेरे मे
अंबेडकर नगर। हत्या के मामले में नामजद होने के बाद पुलिस ने ग्राम प्रधान अरविंद यादव को दो दिन तक थाने में बैठाये रहा और दो दिन बाद अचानक प्रधान को रिहा करते हुए अन्य नामजद दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया जिससे पीड़ित परिवार और भी सहम गए हैं जिससे नाराज होकर धरने पर बैठ गए हैं। प्रधान को छोड़े जाना पुलिस की कार्य शैली पर तरह-तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं की नामजद प्रधान को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद कैसे रिहा कर दिया।