Saturday, September 21, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअम्बेडकर नगरभारी डीहा में बह रही है भक्ति रस की बयार

भारी डीहा में बह रही है भक्ति रस की बयार

अंबेडकर नगर। भारी डीहा मे भक्त रस की बयार बह रही है। मुख्य यजमान राम उजागिर पांडेय के यहां आयोजित भगवत कथा को सुन भक्त भाव विभोर हो रहे है। कथा वाचक पंडित कृष्ण मोहन शास्त्री ने भगवत कथा के तीसरे दिन भक्तों को रसपान कराते हुए कहा कि कलयुग में भवसागर पार होने के लिए भगवत कथा नौका है। भगवत कथा से ही जीवों का विस्तार संभव है। महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह के उद्धार के लिए भगवान श्री कृष्ण सभी पांडवों को लेकर पितामह को अपने दिव्य स्वरूप का दर्शन कराते हुए उनका उद्धार करते हैं। उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ, भगवान कृष्ण के परधाम गमन के पश्चात पांडव परीक्षित का राज्याभिषेक करके उत्तराखंड की यात्रा करते हुए बर्फ में समाहित होते हुए शरीर छोड़ दिया। परीक्षित को श्रृंगी ऋषि ने श्राप दिया कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से मृत्यु हो जाएगी। परीक्षित सब कुछ त्याग करके गंगा जी के किनारे अनशन पर बैठ गए । वहां शुकदेव का आगमन हुआ और भागवत कथा श्री सुखदेव जी ने परीक्षित को सुनाना प्रारंभ किया । ऋषि शुकदेव ने राजा परीक्षित को श्रीमद् भागवत कथा सुनाई और बताया प्रभु ने आप की रक्षा उत्तरा के गर्भ में की थी। गर्भ नर्क तुल्य होता है और भगवान का प्रण है कि मेरा भक्त यदि नर्क में भी पड़ा है तो मैं वहां जाने के लिए भी तैयार हूं। सृष्टि क्रम का वर्णन करते हुए कपिल, ध्रुव चरित्र और भरत की कथा पर प्रकाश डाला। कथा मे बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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