Monday, March 17, 2025
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्याजनप्रतिनिधियों की राय बनेगी महानगर अध्यक्ष बनने का आधार

जनप्रतिनिधियों की राय बनेगी महानगर अध्यक्ष बनने का आधार


◆ दो नाम तक पहुंचा था मामला जिसको लेकर प्रदेश के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों में नहीं बन पाई एक राय


◆ एक राय बनाने का होगा प्रयास, न बन पाने पर नया प्रदेश अध्यक्ष करेगा इसकी घोषणा


अयोध्या। भाजपा में यूपी के कई जिलों के जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष घोषित हो गए। अयोध्या महानगर के अध्यक्ष का नाम सोशल मीडिया पर वायरल सूची पर लोग खोजते रहे। नाम न मिलने पर इसको लेकर चर्चा शुरु हो गई। सूत्रों के मुताबिक तीन से चार नाम के बीच मुख्यालय में प्रमुखता से चर्चा हुई। जिसमें दो नाम को लेकर काफी गहमागहमी रही। इन नाम को लेकर महानगर के जनप्रतिनिधियों, पूर्व जिलाध्यक्षों व प्रदेश के पदाधिकारियों में एक राय नहीं बन पाई। जिसके बाद चुनाव को टाल दिया गया।

अब जनप्रतिनिधियों, पूर्व जिलाध्यक्षों व प्रदेश के पदाधिकारी के बीच किसी नाम को लेकर एक राय बनाने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन अगर यह नहीं हो पाता है तो नया प्रदेश अध्यक्ष इसका महानगर अध्यक्ष का नाम घोषित करेगा। इसको लेकर अभी महानगर अध्यक्ष को एक महीने का इंतजार करना पड़ सकता है। जातीय समीकरण साधने के लिए नेतृत्व की तरफ से एक विशेष जाति को लेकर चर्चा हो रही है। जिसमें जिले के ज्यादातर पूर्व जिलाध्यक्ष एक नाम को लेकर एक मत दिखाई दिए थे। अयोध्या जनपद को संगठनात्मक स्तर पर दो जिलों में बांटा गया है। जिसमें महानगर व जिले में ग्रामीण का अलग-अलग जिलाध्यक्ष होता है। महानगर के अध्यक्ष के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों में निवर्तमान सांसद, महापौर व विधायक की राय ली जाएगी। अगर किसी नाम पर तीनो एक मत हो जाते है, तो उसका महानगर अध्यक्ष बनना लगभग तय हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के पदाधिकारियों ने अयोध्या महानगर से एक नाम लगभग फाइनल कर लिया था। लेकिन जनप्रतिनिधियों के एक राय न होने के कारण नाम तय नहीं हो पाया। प्रदेश नेतृत्व अब किसी ऐसे नाम पर विचार कर रही है जो सभी जनप्रतिनिधियों, पूर्व जिलाध्यक्ष के बीच सामंजस्य बनाकर चले। इसके साथ में आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट न मांगकर संगठनात्मक कार्यक्रमों पर पूरी तरह से फोकस करें।

         वहीं प्रदेश मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार अयोध्या महानगर में चल रहे घमासान के कारण यहां अभी एक राय बन पाना मुश्किल है। जिससे आने वाले समय में विवाद की स्थिति हो सकती है। अगर किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाती है तो नया प्रदेश अध्यक्ष बनने तक इसको टाला जा सकता है।

Ayodhya Samachar

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments