अंबेडकर नगर। दशरथ वर्मा पीजी कॉलेज, गौरा बसंतपुर में एमए की छात्रा के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ऑनलाइन फॉर्म भरने और रुपए जमा करने के बावजूद छात्रा को परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिला, जिससे वह परीक्षा देने से वंचित रह गई। अब छात्रा ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।
प्रकरण अहिरौली थाना क्षेत्र के अशरफपुर पचाउख, सूबेदार का पुरवा निवासी छात्रा रोली वर्मा का है। आरोप है कि वह कॉलेज में एमए फर्स्ट ईयर के सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा है। नियमानुसार उसने ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरा और उसकी हार्ड कॉपी कॉलेज के लिपिक अनिरुद्ध को सौंपी। उस समय शिक्षक सुरेश और अशोक भी मौजूद थे।
लिपिक ने वेरिफिकेशन के नाम पर 700 रुपए की मांग की, जो छात्रा ने दशरथ सर्विस स्टेशन के नाम पर दिए गए क्यूआर कोड से ऑनलाइन भेज दिया। परीक्षा 23 मई से शुरू होनी थी, लेकिन जब छात्रा 22 मई को प्रवेश पत्र लेने कॉलेज पहुंची, तो उसे कहा गया कि उसका प्रवेश पत्र ही नहीं आया है।
इतना ही नहीं, लिपिक ने परीक्षा दिलवाने के नाम पर छात्रा से 5,000 रुपए नगद भी ले लिए। जब छात्रा ने प्रवेश पत्र न मिलने का कारण पूछा, तो लिपिक ने उसे अपमानित करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी।
छात्रा जब प्राचार्य शेषराम वर्मा से शिकायत लेकर पहुंची, तो वे भी लिपिक के बचाव में उतर आए और रुपए वापस कराने की बात कहकर मामले को टालने लगे। इससे नाराज छात्रा ने पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की।
जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए प्रकरण की जांच जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंप दी है और रिपोर्ट मांगी है। अब सवाल उठ रहा है कि जब सभी प्रक्रिया पूरी की गई, रुपए दिए गए, तो छात्रा का भविष्य से खिलवाड़ करने का जिम्मेदार कौन है?
कॉलेज प्रबंधन की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं। छात्रा के अनुसार, उसकी एक वर्ष की पढ़ाई बर्बाद हो गई है। ऐसे में प्रशासनिक कार्रवाई और जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी हो गया है।