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अंबेश हत्याकांड का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस भी कम दोषी नहीं

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@ सुभाष गुप्ता


बसखारी अंबेडकर नगर । बसखारी थाना क्षेत्र में एक पखवाड़े पूर्व गायब हुए युवक का शव मिलने के बाद पुलिस भले ही घटना का खुलासा करने का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रही हो। लेकिन युवक की हत्या एवं उसके शव की बरामदगी को लेकर बसखारी पुलिस की जो कार्यशैली रही वह भी संदेह के घेरे में आ रही है। बता दें कि बीते 4 जनवरी को बसखारी थाना क्षेत्र के पटना मुबारकपुर निवासी 21 वर्षीय युवक अंबेश घर से दिल्ली जाने की बात बता कर निकला था। लेकिन न वह दिल्ली पहुंचा और ना ही घर पहुंच पाया। मामले को लेकर परिजनों ने एक महिला के ऊपर बदचलनी का आरोप लगाकर उसी महिला के ऊपर प्रेमी के साथ मिलकर अपने पुत्र की हत्या किए जाने की शंका जताते हुए तत समय पुलिस को अवगत कराया गया था। बताया जाता है कि मामले में पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करने के बाद पूछताछ के लिए आरोपी महिला को भी थाने पर बुलाया था। लेकिन लेनदेन कर मामलों को निपटाने में माहिर बसखारी पुलिस तत्समय इस मामले में भी कोई अहम सुराग हासिल करने के बजाय चर्चा यह भी है कि लेनदेन कर उस महिला को थाने से छोड़ कर शान्ति से बैठ गई। बसखारी पुलिस की कारस्तानी यही खत्म नहीं हुई। जब 14 जनवरी को युवक का शव नहर में पानी कम होने पर दिखाई पड़ा तो पुलिस ने यहां भी एक कारनामा कर दिखाया और मामले में शिथिलता बरते जाने की अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए बगैर परिजनों को सूचना दिए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस की इस कार्यशैली से नाराज पीड़ित परिजनों ने थाने पर पहुंचकर आक्रोश भी प्रकट किया था। लेकिन तस समय थाने पर मौजूद पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए आक्रोशित महिलाओं को शांत करा दिया था। युवक के गायब होने के बाद से ही चर्चा थी कि आरोपी महिला रंजना और राम अनुज के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग में अंबेश बाधा बन रहा था। और इन दोनों की कोई अश्लील फोटो भी अंबेश के हाथ लग गई थी। फोटो वायरल होने के डर एवं प्रेम रास्ते में बाधा बने अंबेश को रास्ते से हटाने के लिए ही दोनों आरोपियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया हो। बावजूद इसके क्षेत्र में इस तरह की चर्चा के बाद भी पुलिस इस घटनाक्रम को लेकर शांति से बैठी रही।अगर अब्रेश हत्याकांड के घटनाक्रम पर नजर दौड़ाई जाए तो इस मामले में हत्यारोपियो के साथ-साथ पुलिस भी कम दोषी नहीं है। अंबेश के गायब होने के बाद से ही परिजन महिला और उसके प्रेमी के ऊपर हत्या की आशंका जता रहे थे। मृतक युवक के परिजनों के द्वारा इतनी सटीक जानकारी देने के बाद भी पुलिस का शांति से बैठे रहना कहीं ना कहीं पुलिस की कार्यशैली को संदेह के घेरे में लाता है। चर्चा यह भी है कि यदि पुलिस समय रहते चेत जाती तो अंबेश की जान बच सकती थी।या फिर घटना के 24 घंटे के भीतर ही मृतक युवक का शव बरामद कर लिया जाता और आरोपियों को जेल भेजने में 1 पखवाड़े का समय नहीं लगता। ऐसे में आरोपियों के द्वारा अंबेश की हत्याकांड को अंजाम दिए जाने के बाद बसखारी पुलिस के द्वारा इस मामले में बरती गई शिथिलता भी पीड़ित परिवार के ऊपर भारी पड़ रही है।

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