Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर छात्रों द्वारा साइकिल पर ढोया जा रहा है किताब–वीडियो वायरल

छात्रों द्वारा साइकिल पर ढोया जा रहा है किताब–वीडियो वायरल

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बसखारी अंबेडकर नगर। कुछ बच्चों के द्वारा बोरी में भारी किताबों को साइकिल पर रखकर ढोने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो शिक्षा क्षेत्र बसखारी अंतर्गत बीआरसी केंद्र पर स्थित कंपोजिट विद्यालय का बताया जा रहा है। जहां पर छात्र-छात्राओं से सरकारी किताबों की साईकिल से ढुलाई कर शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी किया जा रहा है। वायरल वीडियो की पुष्टि अयोध्या समाचार नहीं करता है। बता दें कि मौजूदा सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग के साथ नित नये योजनाओं को जोड़कर छात्रों का शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षक व कर्मचारी सरकार के व्यवस्थाओं को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। शिक्षा का सत्र 2025- 26 प्रारंभ हुए लगभग दो सप्ताह बीतने को है। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक छात्राओं को किताबें मुहैया नहीं कराई गई है। बल्कि छात्राओं से उल्टे पंचायत वार स्कूलों की किताबों की छटनी करवाई जा रही है। शिक्षा क्षेत्र बसखारी अंतर्गत बीआरसी केंद्र पर कंपोजिट विद्यालय का संचालन होता है।बताया जाता है कि बीते शुक्रवार को सरकारी किताबों की खेप बीआरसी केंद्र पर पहुंची थी। शनिवार को बीआरसी शिक्षा क्षेत्र के सभी विद्यालयों को अलग-अलग किताबों का छंटनी करवाकर बंडल बनवाया जा रहा था।  इस कार्य के लिए विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी  लगाया गया था। जबकि शिक्षा विभाग द्वारा किताबों की छटनी व ढुलाई के लिए बकायदा टेंडर करवाकर पैसे का भुगतान किया जाता है। उसके बावजूद कंपोजिट विद्यालय बसखारी में छात्राओं से किताबों की छटनी व ढुलाई करवाया जा रहा है। धुलाई करते हुए छात्रों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही क्षेत्रीय लोगों में सरकारी विद्यालयों में शिक्ष के प्रति अविश्वास पनपने लगा।लेकिन शिक्षा विभाग की ये हरकत सरकार के व्यवस्थाओं तथा अभिभावकों के सरकारी स्कूलों के विस्वास का गला घोंट रहा है। वही इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।इस विद्यालय के किताबों को छात्र द्वारा अपने विद्यालय में ही रखा जा रहा था।जबकि छंटनी का कार्य कर्मचारियों द्वारा कराया गया है।अभी तक किसी भी विद्यालय में किताबों ही नहीं पहुंची है तो धुलाई का प्रश्न ही नहीं उठा रहा है।

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