◆ भीषण गर्मी और कठिनाइयों के बीच श्रद्धा की मिसाल बने परिक्रमार्थी, नेपाल से लेकर राजस्थान तक के श्रद्धालु हुए शामिल
अयोध्या । अयोध्या धाम की ऐतिहासिक और दिव्य 84 कोसी परिक्रमा रविवार रात्रि को अपने सातवें पड़ाव बीकापुर क्षेत्र स्थित पौराणिक स्थल सीताकुंड पर पहुँची, जहाँ रात्रि विश्राम के उपरांत सोमवार प्रातः अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान किया गया। परिक्रमा में शामिल साधु-संतों और श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश पांडे राना द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए जलपान और नाश्ते की विशेष व्यवस्था भी की गई थी।
सेवा और स्वागत का संगम
हंस योग आश्रम से जुड़े मानव उत्थान सेवा समिति के स्वयंसेवकों द्वारा शिव सहाय कनौजिया के नेतृत्व में ब्रह्मबाबा स्थल पर श्रद्धालुओं का स्वागत फूल मालाओं से किया गया। अंगवस्त्र, फल व जलपान का वितरण कर सेवाभाव का परिचय दिया गया। मौके पर रामसागर जायसवाल, अनिल उपाध्याय, जयप्रकाश, रामकेवल यादव सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जय श्रीराम के नारों से गूंजता रहा वातावरण
चवरढार तिराहे पर अखिल भारतीय चाणक्य परिषद के पदाधिकारियों व स्थानीय श्रद्धालुओं ने परिक्रमा का जोरदार स्वागत किया। जय श्रीराम के जयघोष के साथ परिक्रमा आगे बढ़ी और दोपहर में देवरिया पारा रुरुखास पहुंची, जहां दोपहर भोजन का भव्य प्रसाद वितरित किया गया।
भीषण गर्मी में भी डटे श्रद्धालु
परिक्रमा में शामिल नेपाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित कई राज्यों के श्रद्धालु भक्ति भाव से लबरेज़ नजर आए। भीषण गर्मी, लू और कड़ी धूप के बावजूद आस्था की तपिश सब पर भारी रही। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी उत्साहपूर्वक सहभागी बने। सुरक्षा व्यवस्था के लिए PAC की गाड़ी लगातार साथ रही।
बीमारियों के बावजूद नहीं टूटी आस्था
कई श्रद्धालु बुखार, ब्लड प्रेशर, उल्टी–दस्त जैसी बीमारियों से जूझते दिखे, फिर भी उनकी श्रद्धा अडिग रही। राजस्थान के रिटायर्ड सूबेदार मेजर हरवीर प्रसाद शर्मा और सीतापुर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य स्वामी राम नारायण दास (उम्र 70 वर्ष) जैसे श्रद्धालु अपने अनुभवों को “सुखद और अलौकिक” बता रहे हैं।
14 अप्रैल को मखभूमि मखौड़ा (बस्ती) से शुरू हुई परिक्रमा का समापन 7 मई को अयोध्या में होगा।