जलालपुर, अंबेडकर नगर। मौलाना आजाद इंटर कॉलेज जलालपुर में मौलाना अबुल कलाम आजाद की 65 वीं पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उनका असल नाम अबुल कलाम गुलाम मोहिउद्दीन अहमद था, लेकिन वह मौलाना आजाद के नाम से मशहूर हुए।22 फरवरी, 1958 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था। 1992 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में विद्यालय प्रबंधक मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद की वतन की मोहब्बत और कौन की खिदमत उनकी प्राथमिकता थी जिसकी कोई मिसाल नहीं है। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंगे आजादी में काफी जद्दोजहद किया।आजाद भारत के पहले शिक्षामंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद का शिक्षा व्यवस्था को गति देने में सराहनीय योगदान रहा। प्रधानाचार्या गुलिस्तां अंजुम ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद सदैव हिंदू मुस्लिम एकता को मजबूत बनाने और देश की तरक्की और विकास में अहम भूमिका निभाई। विद्यालय व्यवस्थापक मोहम्मद शाहिद जमाल ने कहा कि देश के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने आजाद भारत में शिक्षा का उजाला फैलाने में अहम भूमिका अदा की। वंचितों में उनके तालिमी दिए से रोशनी पहुंचाना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।इस मौके पर डायरेक्टर सैयद फरहान , मास्टर जफर अहमद ने भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय सेक्रेटरी जनाब मोहम्मद अहमद साहब ने किया।उक्त अवसर पर मरगूब अहमद,गोविंद कनौजिया, मास्टर अबुल कलाम, मास्टर असरार अहमद,आमिना खातून,तज्यींन आएशा,चिंता सोनी,हसन जहरा,प्रज्ञा उपाध्याय,संगीता राजभर,शेर अब्बास,गौरव कुमार,सानिया सिराज, खातून,उमैजा मरियम,किरन देवी विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।