मिल्कीपुर, अयोध्या। नाबार्ड के सहयोग से ओंकार सेवा संस्थान द्वारा अमानीगंज विकास खंड में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुरूवार को भारतीय हैंडलूम प्रौद्योगिकी संस्थान वाराणसी के प्रो डॉ अशोक कुमार सिंह ने महिलाओं को रेशा से धागा और धागा से कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण दिया। ओंकार सेवा संस्थान द्वारा महिलाओं को केला रेशा से विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसमे अलग अलग दिन विषय से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को तकनीक ज्ञान प्रदान कर रहे है। जिसके क्रम में आई आई एच टी वाराणसी से आई टीम ने महिलाओं को रेशा से कपड़ा बनाने और हैंडलूम पर बुनाई तथा डिजाइन बनाने का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया। भारतीय हैंडलूम प्रौद्योगिकी संस्थान भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, जहां से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिलोमा और डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम संचालित है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ऐसे संस्थान से व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त होना, अपने आप में गौरव की बात है। कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि महिलाएं केला के तने से रेशा निकालना सीख चुकी है। अब महिलाएं रेशा से चोटी और अन्य उत्पाद बना रही है। सभी महिलाएं सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक प्रशिक्षण प्राप्त करती है। जहां उन्हें भोजन, जलपान भी कराया जाता है। कार्यक्रम में संगीता, नीलेश, साक्षी, अनीता मौर्य, रुचि, नंदिनी, सरिता सहित प्रथम बैच की सभी तीस महिलाएं उपस्थित रहीं।