अम्बेडकर नगर। आज़ादी के अमृतमहोत्सव अभियान के अंतर्गत अपना देश-अपनी माटी कार्यक्रम अमर सेनानियों और मातृभूमि को समर्पित महायज्ञ औरकि पँचकलशों में इकट्ठा की गयी मृत्तिका पंचमहाभूतों की प्रतीक है,जोकि समुद्रमंथन जैसी आज़ादी की लड़ाई का द्योतक और अनुस्मारक है।ये उद्गार गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुलतानपुर के प्रधानाचार्य कप्तानसिंह ने व्यक्त किये।श्री सिंह विद्यालय में आयोजित अपना देश-अपनी माटी कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
ज्ञातव्य है कि 23 अगस्त 1942 की रक्तरंजित क्रांति का गांधी स्मारक इंटर कॉलेज, राजेसुलतानपुर स्वयम में जीवंत साक्षी रहा है।जिसके अंतर्गत अंग्रेज दरोगा व सिपाही को स्वाधीनता सेनानियों ने बोटी बोटी काटकर बोरे में भरकर सरयू में जल प्रवाह कर दिया था।जिसके प्रतिफल में अंग्रेज़ी सरकार ने यहां वृहद स्तर पर आगजनी व धड़पकड़ की थी औरकि सैकड़ों सेनानियों को उम्रकैद,कालापानी व फांसी की सजा हुई थी।
आज इस निमित्त शहीदों को श्रद्धाजंलि व अमृत कलशों में गांव गांव की मृत्तिका संग्रह हेतु यहां विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसका संचालन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र व राघवेंद्र कुमार ने किया।
इस अवसर पर छात्रा मुस्कान चौरसिया की टोली ने बेहतरीन रंगोली और सदानंद मौर्य की टीम ने दिलकश देशभक्ति के गीतों का गायन किया। समारोह को शिक्षणेत्तर संघ के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह,उप प्रधानाचार्य हरिप्रसाद यादव,श्यामकेतु सिंह,संतोष सिंह,अमरनाथ पांडेय सहित अन्यान्य विद्वानों ने भी सम्बोधित किया।