जलालपुर, अम्बेडकरनगर। वैसे तो सफेदपोश ,जाति विरादरी व कई संस्थाए दिन भर गरीबों के मदद के लिए हाथ बढाने की बात करते हैं लेकिन इस पीड़ित परिवार को कौन कहे मदद देने की किसी के पास मौका नही है कि परिवार के पास पहुच कर सांत्वना दे सके। बता दे कि जैतपुर थानाक्षेत्र के शिवपाल गांव मे यह घटना जिस परिवार मे घटी है वह ब्राम्हण गरीब परिवार है जो किसी तरीके से दो जून की रोटी इकट्ठा कर पेट भरते है। इस घटना से परिवार मे पहाड़ टूट पडा गांव के लोग भी इस वीभत्स घटना को देखकर सदमे मे है चारो तरफ इसी की चर्चा हो रही है। आज इस परिवार के सामने ना तो कोई जाति विरादरी का खड़ा दिखाई पड रहा है न तो कोई जिला व स्थानीय नेता जो चुनाव के समय मे भगवान बनकर प्रगट होते है और लम्बा लम्बा वादा करते है। आज वो परिवार के इस विपत्ति काल मे नदारद है। अगर आज उन नेताओं के पास मौका है तो वे नगर पालिका के चुनाव मे मशगूल है जो उस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए भगवान बनने की कोशिश मे लगे हैं। फिलहाल बात करते हैं सजातीयो को जो बीते शनिवार को परशुराम जयंती के अवसर पर लम्बा लम्बा भाषण देकर ब्राम्हणों के हितैषी बनते हैं लेकिन उनके पास भी मौका नही कि इस गरीब परिवार की सुध ले ले मदद की बात तो दूर है यही चुनाव के समय मे ऐसे हितैषी बनकर मतदान की परिभाषा को को उलट पलट कर देते है।