Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर नसोपुर की घटना को दिया गया राजनीतिक रंग

नसोपुर की घटना को दिया गया राजनीतिक रंग

0
ayodhya samachar

@ गिरीश कुमार


जलालपुर अंबेडकर नगर। बीते दिवस सड़क दुर्घटना में घायल महिला की मौत के मामले में राजनीतिक रंग देते हुए मामले को हाईजैक कर लिया गया और पुलिस प्रशासन दूसरे पक्ष को न्याय देने में असफल साबित हुई। जबकि यह पूरा प्रकरण किसी से छुपा नहीं है। इसके बावजूद भी दूसरे पक्ष को न्याय नहीं मिल पाया। यह पूरा मामला जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के नसोपुर गांव का है। जहां जमीनी विवाद को लेकर ठाकुर और दलित पक्ष में विवाद शुरू हुआ था इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें दलित पक्ष ठाकुर पक्ष पर भद्दी-भद्दी गाली देते हुए मारपीट रहे हैं। पुलिस ने फिलहाल दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज किया, इतना ही नहीं दलित पक्ष की तरफ से विपक्षियों पर महिला से छेड़छाड़ की धारा दर्ज करवाई गई। मामला यही नहीं थमा दलित पक्ष की महिला अपना 164 का बयान न्यायालय में दर्ज कराने गई थी वहां से वापस आ रही थी कि इसकी बीच सम्मनपुर थाना क्षेत्र के हजपुरा के निकट एक वाहन से टक्कर  हो गया जिसमें दलित  शिव चरन द्वारा चार पहिया वाहन से साजिश रच कर दुर्घटना करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दिया। पुलिस ने इस मामले में नामजद सभी चारों आरोपियों जयसिंह,हनुमान सिंह,भगवान सिंह व मोनी सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि यहां दुर्घटना का मामला कुछ और है। पुलिस ने दुर्घटना  करने वाली गाड़ी को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू किया तो इस दुर्घटना से ठाकुर पक्ष का दूर-दूर तक कोई कनेक्शन जांच पड़ताल में नहीं मिला लेकिन दलित पक्ष अपना ही बात मनवाने पर लगा रहा। पुलिस और प्रशासन ने भी खूब साथ दिया जांच पड़ताल में पुलिस को यह सबूत मिला की दुर्घटना करने वाली कार हरदोई जनपद के रहने वाले  अविनाश पटेल का है जो जलालपुर भारतीय जीवन बीमा की शाखा में विकास अधिकारी है इन्हीं की गाड़ी से दुर्घटना हुई थी । लेकिन दलित पक्ष दूसरे पक्ष को विवाद के चलते बझाने के चक्कर में लग रहे और सफल भी हो गये। महिला  प्रेमशिला की मौत के बाद भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने भी जमकर मामले को तूल दिया और शव जलालपुर के यादव चौराहे पर रखकर जाम कर दिया लेकिन पुलिस प्रशासन  तमाशबीन बनी रही और  असहाय होकर इनकी बात मानती रही। क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पुलिस प्रशासन द्वारा दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं किया गया लेकिन दलित पक्ष भी अपने साथ न्याय होने की बात कबूल नहीं कर रहे है। ऐसे में दूसरे पक्ष के साथ हुए अन्याय को लेकर कभी भी करणी सेना पहुंचकर न्याय की मांग कर सकती है। ऐसे में अगर देखा जाए तो भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी द्वारा इस मामले को केवल राजनीतिक रंग देने का कार्य किया गया और माहौल को बिगाडने की खूब कोशिश की गयी, जबकि रोड जाम करने पर पुलिस को इनके  विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है लेकिन पुलिस यहां भी कुछ करने में असहाय नजर आ रही है। जबकि लगातार दलित पक्ष पुलिस प्रशासन पर अपना दबाव बनाने में सफल होते हुए नजर आ रही है। इस मामले को लेकर दो दिन जलालपुर सर्किल क्षेत्र के सभी थानों की पुलिस  प्रशासन व अपर पुलिस अधीक्षक किसी अनहोनी से बचने के लिए लगातार क्षेत्र में मौजूद रहे। फिलहाल देखना यह है कि ठाकुर पक्ष को कितना और कहां तक न्याय मिल पाता है। इस मामले में भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी का आना और बिना पूरा प्रकरण को समझे कूद पडना चर्चा का विषय बना हुआ है । अगर इसी तरीके से पुलिस  प्रशासन  न्याय देने में नाकाम रहती है तो किसी को न्याय मिलना आसान नहीं होगा।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version