”अयोध्या समाचार की टीम रविवार को मिल्कीपुर विधानसभा में थी। यहां होने वाले उपचुनाव पर पूरे देश की नजर है। मिल्कीपुर में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा भाजपा व सपा के चुनाव प्रचार को लेकर है। चुनाव में जीत किसकी होगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। परन्तु इस समय मिल्कीपुर विधानसभा के चुनाव में क्या चल रहा है, भाजपा कैसे प्रचार कर रही है सपा जनता तक किस प्रकार पहुंच रही है ,प्रस्तुत है इसकी यहां के आम मतदाताओं के आधार पर सबसे गहन समीक्षा “
अयोध्या। मिल्कीपुर उपचुनाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है। अगर अयोध्या जिले की बात करें, तो पूरे जिले का राजनैतिक केन्द्र बिन्दु मिल्कीपुर का चुनाव बना हुआ है। अयोध्या विधानसभा में कचेहरी से लेकर चाय की दुकान पर मिल्कीपुर चुनाव की चर्चा करते लोग मिल जाएंगे। केवल चर्चाओं में चुनावी समीकरण रोज यहां बनाए व बिगाड़े जाते है। लेकिन अन्य विधानसभाओं की तुलना में मिल्कीपुर की तस्वीर कुछ अलग है। यहां भाजपा का हाईफाई प्रचार जारी है, लेकिन इसके बाद भी यहां की बाजारों में चुनावी चर्चा या माहौल उस तरह का नहीं लगता है, जिस तरह की हम अपेक्षा करते है। आम मतदाता यहां खुलकर कुछ नहीं बोलना चाहते है, बातचीत में अगर राजनैतिक दलों से जुड़े लोग मिल जाते है तो चर्चा उस ओर मुड़ जाती है।
सुबह करीब 12 बजे अयोध्या समाचार की टीम ने मिल्कीपुर विधानसभा में प्रवेश किया है। मिल्कीपुर बाजार से कुछ पहले स्थित एक प्रतिष्ठान में कुछ भाजपा नेता बैठे हुए थे, लोगो की बीच वह बड़ी जीत का दावा कर रहे थे। परिचय देने के बाद वह अलग से बात करने को तैयार हुआ। अपने जीत के समीकरण में उन्होंने सवर्ण, अन्य पिछड़ा वर्ग का अधिक्तम मत अपने पक्ष में होने की बात की। वहीं दोनो प्रत्याशियों में सजातीय मतों को लेकर टक्कर बताया। भाजपा के प्रचार करने की तरीके बारें में उनका कहना था कि मुख्यमंत्री का आना व प्रचार में लगना कार्यकर्ताओ व जनता के बीच संजीवनी का कार्य कर रहा है। इससे भाजपा काफी मजबूत हुई है। लेकिन मंत्रियों व बड़े नेताओं के प्रचार व कार्यक्रम के दौरान छोटे नेताओं को महत्व नहीं मिल रहा है। महत्व न मिलने पर छोटे नेता उस तरह की जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है, जिस तरह की जिम्मेदारी उन्हें निभाई चाहिए। भाजपा के लिए यह कमजोर कड़ी साबित हो सकता है।
” कुमारगंज जाते समय भाजपा का केन्द्रीय कार्यालय मिला। कार्यालय के सामने वाहनों की काफी लम्बी कतार लगी हुई थी। कार्यालय में बाहर से देखने पर भगवा गमछा धारी नेताओं से पूरा क्षेत्र भरा हुआ नजर आ रहा है। यहां कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह नजर आ रहा था। जिले के कई बड़े नेताओं के वाहन यहां खड़े थे। कई नेता कार्यालय के आसपास भ्रमण करते नजर आ रहे थे। इसके साथ प्रचार के लिए कई नेताओ के वाहन लगातार मिल्कीपुर की ओर जाते हुए दिखाई दे रहे थे।”
मिल्कीपुर की सबसे प्रमुख बाजार कुमारगंज में चुनाव का हालचाल लेने के लिए अयोध्या समाचार की टीम यहां की दुकानों पर गई। सबसे पहले कुमारगंज की सबसे बड़ी किराना की दुकान पर टीम पहुंची। यहां थोक व फुटकर दोनो प्रकार के सामान की बिक्री होती है। दुकानदार से चुनाव के बारें में पूछने पर उसने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। दुकान व उसका नाम बताने की शर्त पर वह बताने को तैयार हुआ। उसके अनुसार सत्ता पक्ष की ओर कुमारगंज के व्यापारियों की झुकाव है। पहले व्यापारी भाजपा से नाराज थे। लेकिन ओवरब्रिज बनने के बाद व्यापारी भाजपा से प्रसन्न है। इसके आगे एक से बाद कई व्यापारियों से हमने बातचीत किया। सबकी अपनी, अपनी समस्याएं थी। लेकिन इस बातचीत में यह बात सामने निकलकर आयी कि चुनाव पूरी तरह से मुद्दा विहीन हो गया है। इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों की चर्चा बिलकुल नहीं हो रही है, न ही किसी को अपने प्रत्याशी से कोई उम्मीद है। कई मुस्लिम व्यापारियों ने अपना दर्द साझा किया। उनसे कोई मिलने तक नहीं आता। प्रत्याशी से लेकर किसी भी पार्टी से छोटे नेता तक ने उनके अपने पक्ष में मतदान करने के लिए सम्पर्क तक नहीं किया। मिल्कीपुर के विकास व सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से हर कोई प्रभावित नजर आया।
” कुमारगंज में स्थित मुस्लिम व्यापारी दिल्ली टेलर, मो सादिक, लईक अहमद मिल्कीपुर के विकास से संतुष्ट दिखे। किसी भी प्रत्याशी या उनके समर्थक का वोट मांगने के लिए उनके पास न आने बात उन्होंने कही। हालांकि इनके अनुसार भी स्थानीय मुद्दे इस चुनाव में काम नहीं कर रहे है। ”