◆ नगर पंचायत किछौछा बोर्ड की बैठक में हुए मारपीट के मामलों को लेकर भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी व नगर पंचायत का चुनाव लड़ चुके कुछ प्रत्याशियों के मुद्दे को तूल देने से बिफरे वैश्य एवं व्यापारी नेता
अम्बेडकर नगर। विगत गुरुवार को नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा बोर्ड की बैठक में हुए मारपीट के मामले में उसी दिन देर शाम सुलह समझौते की खबर सुर्खियों में आने के बाद इस मुद्दे को लेकर अपनी अपनी राजनीति चमकाने वाले कुछ नेता इस मुद्दे को पुनः गरमाने की फ़िराक में जुट गए हैं। सभासद को लेकर जहां भीम आर्मी,आजाद समाज पार्टी व नगर पंचायत का चुनाव लड़ चुके कुछ प्रत्याशीयों ने इस मुद्दे को गरमाने की कवायद शुरू कर दी हैं। वहीं इनकी कवायद को देखकर नगर पंचायत अध्यक्ष के समर्थन में व्यापार मंडल और वैश्य समाज के कई संगठन भी मैदान में उतारने का मन बना चुके हैं। व्यापार मंडल व वैश्य समाज के नेताओं का कहना है कि नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में हुआ मारपीट का मामला सभासद, सभासदो और नगर पंचायत अध्यक्ष के बीच का है। लेकिन कुछ लोग इसे दलित से जोड़कर माहौल बिगड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि इस मारपीट में सभासद के ऊपर भी दो दलित कर्मचारियों की भी पिटाई करने का आरोप है।और वहीं इस मामले में सुलह समझौते की बात सामने आई थी। लेकिन कुछ कथित दलित हितैषी होने का दंभ भरने वाले नेता इस मुद्दे को गरमाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगे हैं। व्यापारी नेताओ ने कहा कि माहौल बिगाड़ने के प्रयास में लगे ऐसे नेताओं पर यदि प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कसता है।तो नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता के समर्थन में व्यापार मंडल और वैश्य समाज के लोग भी सड़क पर उतरने के लिए विवश होंगे। अखिल भारतीय मद्धेशिया वैश्य सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश गुप्ता, अखिल भारतीय मद्धेशिया वैश्य सभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष मनीष गुप्ता,राष्ट्रीय वैश्य स्वाभिमान संघ के प्रदेश मंत्री संतोष कुमार गुप्ता, जिला अध्यक्ष विजय प्रकाश, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता, अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश मंत्री अमित जायसवाल, जिला अध्यक्ष नंदलाल जायसवाल,युवा जिला अध्यक्ष नवनीत मद्धेशिया सहित कई व्यापारी एवं वैश्य समाज के नेताओं ने सभासद,उसके साथ मिले दो तीन अन्य सभासदो एवं उसके समर्थको के नगर पंचायत कार्यालय व चेयरमैन के ऊपर किये गये हमले व नगर पंचायत अध्यक्ष, सभासद व कर्मचारियों के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर मुकदमा पंजीकृत कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।और मुकदमा पंजीकृत न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।