अंबेडकर नगर। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान आगामी चार से 18 सितंबर तक चलाया जाएगा जिसके लिए 245 टीमों का गठन किया गया है।
टीम घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ मरीजों की खोज की जाएगी, जनपद में कुल 52 केस हैं।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाते हुए रोगी की शीघ्र पहचान ,जांच और इलाज किया जाता है साथ ही यह भी बताया कि कुष्ठ एक संक्रामक रोग है यह माइक्रोबैक्टेरियम लेप्राई नामक जीवाणु के कारण होता है, जिससे त्वचा पर तांबे कलर के धब्बे दिखाई देते हैं यह धब्बे संवेदन रहित होते हैं ,रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति से होती है यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है।
कुष्ठ रोग अत्यधिक घातक रोग है क्योंकि इस रोग से स्थाई शारीरिक दिव्यांगता हो जाती है विशेष रूप से रोगियों में दिखने वाली दिव्यांगता ही मरीजों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के लिए जिम्मेदार है ,उन्होंने बताया अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो गंभीर विकृति और दिव्यांगता का कारण बन सकती है। कुष्ठ रोगियों के पैरों के तलवे में छाले और मांसपेशियों में कमजोरी और वजन में कमी सामान्य सी बात है।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ० राहुल श्रीवास्तव ने बताया सभी टीमों को सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान से संदर्भित प्रशिक्षण और प्रपत्र,रजिस्टर भी दिया जा चुका है, और बताया यदि कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाता है तो इसका उपचार दवाओं द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को इस रोग के लक्षण दिखे तो वह अपने क्षेत्र की आशा , एएनएम से संपर्क करें और निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर इलाज लें सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा नि:शुल्क उपलब्ध है |