◆ मानक विहीन होने के बाद भी कई निजी अस्पतालों में होते है सामान्य से लेकर गम्भीर आपरेशन
◆ स्वास्थ्य विभाग का अभियान जारी, दस दिन में पांच अस्पतालों पर हुई सीलिंग की कार्रवाई
अयोध्या। स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले दस दिनो से मानक विहीन निजी अस्पतालों पर अभियान चला रही है। अभियान के दौरान अभी तक पांच अस्पतालों पर सीलिंग की कार्रवाई की जा चुकी है। निरीक्षण के दौरान यह अस्पताल मानको पर खरे नहीं उतर रहे थे। निर्धारित संख्या में मेडिकल स्टाफ का न रहना इनकी सबसे बड़ी कमी सामने निकल कर आयी है। कुछ अस्पतालों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन भी नहीं किया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चल रहे अभियान के दौरान कई निजी अस्पताल पर आने वाले समय में कार्रवाई हो सकती है।
कई निजी अस्पताल केवल एएनएम के भरोसे पर चल रहे है। प्रसव के लिए स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट व ईएमओ की 24 घंटे तैनाती रहनी चाहिए। पूरे स्टाफ न होने के बाद भी अस्पताल में सीजेरियन प्रसव तक हो रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई का सबसे बड़ा कारण जिले के सरकारी अस्पतालों गिरते हुए प्रसव के आंकड़े थे। 14 मई को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मातृत्व सुरक्षा योजना, जन आरोग्य योजना व संस्थागत प्रसव समेत स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं की प्रगति धीमी मिली थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की इन योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। सरकारी अस्पतालों में जब प्रसव घटने की समीक्षा हुई, तो इसका सबसे बड़ा कारण सरकारी से निजी अस्पतालों में गुमराह करके प्रसूताओं को ले जाने का खेल सामने आया। जिन अस्पतालों में गुमराह करके प्रसूताओं को ले जाया जाता है। उसमें ज्यादातर मानक विहीन रहते है। जिसमें आशाओं व अस्पताल के कर्मचारियों पर इस तरह का आरोप लगता रहता था। इस तरह का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया तथा मानक विहीन अस्पतालों पर कार्रवाई की शुरुआत हुई।
पांच अस्पताल व दो सीएचसी अधीक्षको पर हो चुकी है कार्रवाई
प्रसव के आंकड़े गिरने के बाद अब तक पांच अस्पताल व दो सीएचसी अधीक्षक पर सीएमओ स्तर से कार्रवाई हो चुकी है। जिसमें 16 मई की रात महिला चिकित्सालय के सामने स्थित दो निजी अस्पतालों के ओटी व एक वार्ड को सील कर दिया गया था। जिसमें गुरुकृपा हास्पिटल व मां परमेश्वरी देवी मेमोरियल अस्पताल शामिल है। 21 मई को सीएमओ ने आदेश जारी करके लक्ष्य के सापेक्ष सीजेरियन प्रसव न मिलने पर दो सीएचसी अधीक्षको का एक माह का वेतन रोक दिया था। 22 मई को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के नियावां मछली मंडी स्थित न्यू अमर प्रवास अस्पताल की ओटी को सील कर दिया गया। इसी दिन शाम को इनायतनगर स्थित जय बाबा स्वास्थ्य केन्द्र को सील कर दिया गया। इसके खिलाफ थाना इनायतनगर में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। 24 मई को सीएमओ के नेतृत्व में टीम ने सोहावल ब्लाक के अरकुना में स्थित श्रीराम सरस्वती मेडिकल सेंटर को सील कर दिया।