Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर सरकारी विभागों में चलता है गोयल स्टेशनरी का सिक्का

सरकारी विभागों में चलता है गोयल स्टेशनरी का सिक्का

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@ महेंद्र मिश्र


अंबेडकर नगर। गोयल स्टेशनरी के वायरल वीडियो में प्रशासन जाँच, जैसी बात भले ही कर रहा हो किन्तु अंत मे कार्यवाही सिफर ही रहने के प्रबल आसार है। चर्चा है कि गोयल स्टेशनरी की पैठ सत्ता के गलियारे से लेकर मीडिया से होते हुए आलाधिकारियों तक है। किसी भी विभाग का स्टेशनरी टेण्डर हो,छपाई का टेण्डर या रजिस्टर आदि की सप्लाई सब टेण्डर गोयल के ही पास जाता है। देर शाम तक आलाधिकारियों के मुलाजिमों के वाहन गोयल स्टेशनरी के बाहर खड़े देखे जा सकते है । यही वजह है कि निविदा की गोपनीयता आसानी से भंग करते हुए टेण्डर हथियाने में गोयल स्टेशनरी को हमेशा महारथ हासिल हुई है । सरकारी कार्यालय में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग जहाँ करोड़ों रुपये पम्पलेट व वैनर के लिए खर्च होते है,आशा डायरी की छपाई जिसके लिए सूत्र बताते हैं कि 50 से 75 लाख लगभग खर्च होते है इसके अलावा अन्य छपाई के कार्य मोटे कमीशन पर गोयल के नाम नीलाम कर दिया जाता है। सप्लाई के कार्य भी बखूबी गोयल स्टेशनरी को दिए जाते है। विकास भवन स्थित एन आर एल एम कार्यालय जहां स्वम सहायता समूह की करोड़ो की स्टेशनरी भी गोयल के नाम रहती है । समाज कल्याण, अल्प संख्यक कल्याण, पिछड़ा कल्याण विभाग ,विकलांग कल्याण विभाग ,जिला प्रोवेशन विभाग समेत तहसीलो में प्रयुक्त होने वाली स्टेशनरी की सप्लाई गोयल के ही नाम अक्सर रहती है । ट्रेजरी से भुगतान निकलवाकर जाँच कराई जाए तो सप्लाई के नाम पर किये गए भुगतान व वास्तविक वजट की स्थिति साफ हो जाएगी। गोयल को टेण्डर देने के लिए नियम कानून भी तोड़ दिए जाते है । आपूर्ति निर्धारित पेपर की मोटाई जिसे जीएसएम में नापते है उसमें न भी हो तो भी उसको स्वीकार कर लिया जाता है। गोयल स्टेशनरी के अलावा भी जिला मुख्यालय पर ही दर्जनों स्टेशनरी की दुकानें संचालित है परन्तु सरकारी विभागों में गोयल का ही सिक्का चलता है ।

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