◆ नगर पंचायत ने शुरू किया अतिक्रमण हटाने के लिए लाउडस्पीकर से ऐलान
बसखारी अंबेडकर नगर। सरकारी जमीन है, अवैध अतिक्रमण कर कब्जा भी किए हैं। लेकिन जिले के उच्च अधिकारी जब तक नहीं कहते हम कब्जा हटाएंगे नहीं।यह कहना नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के कब्रिस्तान व सरकारी जमीन पर अस्थाई रूप से कब्जा करने वाले कुछ लोगों का कहना है। अब यहां सोचने वाली बात यह है कि अवैध कब्जा करना स्वीकार भी करते है।लेकिन शासन व न्यायालय के निर्देश व नगर पंचायत प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में कब्रिस्तान व सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने के लिए लाउडस्पीकर से लगातार किये जा रहे ऐलान को अनसुना कर नगर पंचायत के साथ प्रशासन को भी आइना दिखा रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन भी इस मामले में बैक फुट पर नजर आ रहा है। इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्य शैली पर भी लोग सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। वहीं मंगलवार को नगर पंचायत प्रशासन ने एक बार फिर से अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए लाउडस्पीकर से ऐलान करना शुरू कर दिया है। उसी क्रम में आज मौके पर अधिशासी अधिकारी संजय कुमार भी मौके पर पहुंचे और अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। हालांकि इस दौरान भी कुछ लोग अवैध कब्जे की बात को स्वीकार करते हुए अधिशासी अधिकारी से भी तर्क वितर्क करने लगे। जबकि न्यायालय व शासन की मंशा है कि सरकारी जमीनों, चक मार्गो, तालाबों, सार्वजनिक स्थलों पर किए गए अतिक्रमण को चाहे कब्जा करने वाला उसी शहर या गांव का ही निवासी क्यों ना हो। अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।जबकि नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित 558 ख व 709 सरकारी व कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों में अधिकांश लोग बाहरी बताये जा रहे हैं।अतिक्रमण करने वाले में अधिकांश लोग कौन है, कहां से हैं। और किसकी शाह पर अवैध अतिक्रमण कर रखे हैं। यह भी अब जांच का विषय बन चुका है। कई स्थानीय नागरिकों को यह भी शंका है कि यदि अतिक्रमण करने वाले लोगों की जांच कराई जाए तो कुछ बांग्लादेशी व रोहिंग्या भी इसमें शामिल मिल सकते हैं। फिलहाल जहां अतिक्रमण को लेकर नगर पंचायत प्रशासन अध्यक्ष ओमकार गुप्ता के नेतृत्व में सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। वहीं स्थानीय पुलिस व प्रशासन की अतिक्रमण को हटाने में बरती जा रही शिथिलता से अवैध अतिक्रमणकारियों के हौसले बढ़ा रही है।
कार्य बहिष्कार से परेशानी बढी
स्थानीय पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली को लेकर नगर पंचायत बोर्ड की बैठक कर कार्य बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया था।जिसका असर भी आज नगर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। नगर क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों ने न ही सफाई की और ना ही कूड़ा उठाया। नगर पंचायत कार्यालय में भी कार्य बंद है। जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि कर्मचारियों को धमकी देने वालों के ऊपर जब तक पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
धमकी देकर दिलवाया जा रहा है बयान
कुछ मीडिया कर्मियों के सामने अतिक्रमण को लेकर दिए जा रहे बयान को भी धमकी देकर दिलाये जाने का मामला प्रकाश में आ रहा है। बयान देने वाले एक व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य ने पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसके पिता को दुकान रखने के एवज में एडवांस व प्रतिमाह 15 सौ रुपए वसूलने वाले टीम के एक सदस्य ने उसके पिताजी को धमकी देकर नगर पंचायत प्रशासन के द्वारा आक्रमण हटाए जाने के विरोध में बयान दिलवाया था। जिसकी सूचना उसने पुलिस को देकर कार्रवाई की मांग की है।