◆ मरीजों से सीधे संवाद कर जानी व्यवस्थाओं की हकीकत, उड़न दस्ता करेगा कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच
अयोध्या। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी वार्डों को देखा। उन्होंने मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति को परखा। सेफ्टिक वार्ड में गंदगी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त किया। कहा कि स्वास्थ्य सेवा सबसे बुनियादी जरूरत है और यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोई भी मरीज बिना इलाज के न लौटे, संवेदना के साथ सभी मरीजों को प्राथमिकता दी जाय। कैश काउंटर पर नगद लेन-देन के साथ डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान भर्ती मरीजों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लिया। उन्होंने दवाओं की उपलब्धता, ओपीडी का समय, मरीजों के लिए स्ट्रेचर/व्हीलचेयर की उपलब्धता, बैठने की व्यवस्था, पेयजल व साफ सफाई की व्यवस्था को देखा। चर्मरोग, जनरल वार्ड, जच्चा बच्चा वार्ड, ब्लड बैंक सहित आउटडोर और इनडोर सेवाओं का निरीक्षण किया।
सेफ्टिक वार्ड में गंदगी पर नाराज हुए जिलाधिकारी
सेफ्टिक वार्ड में गंदगी पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त किया। साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान सेफ्टिक वार्ड में भर्ती मरीज ने बताया कि यहां का शौचालय भर गया है जिससे कीडे वार्ड तक आ जाते है। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल शौचालय की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। उन्होनें बताया कि जिला अस्पातल के महिला चिकित्सालय की ओर की बाउंडी की तरफ बड़ा नाला है। दोनों अस्पताल तथा नगर निगम के बीच नाला सफाई को लेकर कुछ विवाद समझ में आ रहा है। आपस में समन्वय स्थापित कर उसे क्लीयर करवाया जाय। कहा कि अगर अस्पताल ही बीमारियां फैलने का स्रोत बन जाएगा तो वह अशोभनीय रहेगा।
उड़न दस्ता करेगा कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों तथा ईकाईयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के चेक उड़न दस्ता बनाया जा रहा है। जो कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारी बिना अधिकृत अवकाश के गायब न रहें।
मरीजो को गलत जांच रिपोर्ट मिलने पर नाराज हुए डीएम
डीएम को निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल की लैब से मरीजों को गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया। हेपेटाईटिस की दो गलत रिपोर्ट यहां लैब से दिए जाने की जानकारी डीएम को मिली। डीएम ने इसको लेकर नाराजगी व्यक्त की। अगर किसी के पाजिटिव होने के बाद निगेटिव की रिपोर्ट मिलती है तो यह और दिक्कत भरा है। सही जांच रिपोर्ट दीजिए, गलत होने पर उस जांच को बंद कर दीजिए।
चिकित्सको की कमी व जी फाईव भवन के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। 50 चिकित्सकों के सापेक्ष 21 चिकित्सक तैनात है। ह्दय रोग विशेषज्ञ व सर्जन न होने से मरीजों का इलाज प्रभावित होता है। जिलाधिकारी को निरीक्षण के दौरान अस्पताल में चिकित्सकों की कमी व पुराने सीएमओ कार्यालय की जगह जीफाइव भवन निर्माण का प्रस्ताव अस्पताल द्वारा भेजने के बारें में जानकारी मिली। डीएम अपने माध्यम से उच्चाधिकारियों के इन प्रस्तावों को भेजेंगे।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा सुशील कुमार व जिला चिकित्सालय अधीक्षक डा ए.के. सिन्हा मौके पर उपस्थित रहे।