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प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली नवरात्रि एवं महानवमी पर्व को लेकर अति उत्साहित है भक्त

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◆ माता की चौकी एवं कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का पावन पर्व शुरू


◆ प्रथम दिन भक्तों ने की माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना


@ सुभाष गुप्ता


अंबेडकर नगर। आदि शक्ति माता दुर्गा की पूजा, अर्चना, उपासना एवं घट स्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि का पवित्र एवं पवन पर्व धार्मिक अनुष्ठान के साथ मंगलवार को शुरू हो गया है। चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर्व के साथ हिंदू कैलेंडर के नववर्ष की भी शुरुआत हो चुकी है। चैत मास की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि को शुरू होने वाले वंसतिक नवरात्रि  के नौ दिन मां भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा, उपासना अलग-अलग करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। नवरात्रि का पर्व एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में मनाया जाता है। एक वर्ष में चार नवरात्रि की तिथियां पड़ती है।माघ और आषाढ़ मास में पड़ने वाली नवरात्रि की तिथि गुप्त होती है। जबकि चैत्र और अश्विन मास में पड़ने वाली नवरात्रि तिथि धार्मिक अनुष्ठान एवं दुर्गा पूजा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2024 के नवरात्रि पर्व की शुरुआत चैत मास की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि मंगलवार को माता की चौकी एवं क्लश स्थापना के साथ हो चुकी है। कई साधक नौ दिन का तो कई साधक प्रथम एवं अष्टमी तिथि के व्रत के साथ माता दुर्गा की भक्ति में लीन हो गए हैं। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन भक्तों ने माता के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा आराधना कर व्रत की शुरुआत की। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण शैलपुत्री के रूप में पूजनीय मां दुर्गा अपने प्रथम स्वरूप में ममतामयी प्रतिमूर्ति के साथ वृषभ पर विराजमान है। जिस कारण मां दुर्गा के इस स्वरूप को वृषभारूणा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि श्रद्धा पूर्वक विधि विधान के साथ मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा उपासना करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होते हैं।

और उसे दैहिक, दैविक, भौतिक आदि कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन का है। जो 17 अप्रैल को रामनवमी महा पर्व के साथ संपन्न होगी। श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 500 वर्षों के अथक प्रयास एवं संघर्षो के बाद प्रभु श्री रामचंद्र जी के हुए प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली नवरात्रि और रामनवमी का महा पर्व पड़ रहा है। जिस कारण लोग इस पर्व को दुगनी उत्साह के साथ मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। चैत्र नवरात्रि एवं महानवमी के महापर्व को मनाने के लिए जिले के मठ मंदिरों की साफ सफाई कर उसे सजाया गया है। मंदिरों एवं घरों में मां के भजनों एवं पूजा अर्चना एवं आरती से पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्ति में हो गया है।

मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक आदिशक्ति जगत जननी मां दुर्गा एवं रामनवमी के दिन प्रभु श्री रामचंद्र जी की सच्चे मन से पूजा आराधना करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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