अयोध्या। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 के एक मामले में न्यायालय आत्म समर्पण किया। इस दौरान कचेहरी परिसर में कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा रहा।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मनोज गौतम ने प्रकरण में एक राजनीतिक व्यक्ति के खिलाफ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 का पुराना मामला था जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु पुलिस अभिक्षा में हो गई थी। जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव मृतक के आवास पर पहुंचे थे। तभी वहां उपस्थित पुलिस बल के अपमानजनक रवैया के विरोध में ग्रामीणों ने प्रशासन का विरोध करना प्रारंभ कर दिया। जिला प्रशासन ने उस प्रदर्शन का विरोध कर रहे ग्रामीणों के साथ-साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष को भी वादी बना दिया और गंभीर धाराओं में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से यह बात सही थी कि अखिलेश यादव वहां सिर्फ भी बचाव करने पहुंचे थे इसके बावजूद उनका नाम विवेचना में नहीं निकाला गया और विद्वेषपूर्ण ढंग से जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा उनके परिवार को लगातार प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया। कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र और संविधान की हिमायती है तथा हम जनता के मुद्दों को लेकर लगातार सड़कों पर उतरेंगे और प्रशासन से हम मांग करेंगे की जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम उक्त मुकदमें से निकाला जाए।
इस दौरान महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल, पीसीसी सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह उग्रसेन मिश्रा , रामेंद्र त्रिपाठी, अमरीश पांडे, तारिक रुदौलवी, प्रवीण श्रीवास्तव ,मोहम्मद आरिफ,मोहम्मद आमिर, अनिल सिंह ,अनिल तिवारी, अब्दुल हकीम, फ्लावर नकवी, जनार्दन मिश्रा, आशुतोष सिंह, रामसागर रावत ,राजेंद्र रावत सहित सैकड़ो की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।