अंबेडकर नगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के रबी सीजन मे ससमय उर्वरक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सहकारिता एवं कृषि विभाग के साथ उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा बैठक आयोजित किया गया। जिला कृषि अधिकारी द्वारा बताया गया है कि वर्तमान में जनपद में दलहन एवं तिलहन फसलों की बुवाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों में इस्तेमाल होने वाले फास्फेटिक उर्वरकों में डीएपी का अक्टूबर का लक्ष्य 2626 मीट्रिक टन के सापेक्ष 3602 मी टन उपलब्धता है एनपीके लक्ष्य 650 मी टन के सापेक्ष 1373 मी टन उपलब्धता है एवं सिंगल सुपर फास्फेट 1372 मी टन के सापेक्ष 8506 मी टन उपलब्धता है। जनपद में यूरिया वितरण के माह अक्टूबर के लक्ष्य 1949 मी टन के सापेक्ष 18429 मी टन उपलब्धता है। जनपद को विभिन्न रैक पॉइंट से जनपद की आवश्यकता अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति मासिक फेज़िंग के अनुसार कराई जा रही है। यह भी बताया गया कि जनपद में सरसों लगभग 1400 हेक्टयर क्षेत्रफल मे बोई जाती है परन्तु जनपद मे इसकी उत्पादकता मात्र 11.60 कुंतल प्रति हेक्टयर है जबकि प्रदेश की उत्पादकता 15.04 कुंतल प्रति हेक्टयर हैं, जो कि प्रदेश की तुलना में लगभग 23% कम है। अन्य कारणों के साथ इसमें प्रमुख कारण यह है कि सरसों सहित दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए सुपर खाद उपयुक्त होती हैं जिसमे फोस्फोरस के साथ सल्फर, कैल्शियम बोरोन, जिंक एवं अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं जिससे उत्पादन, तेल और प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है परंतु कृषकों द्वारा जानकारी के अभाव में डी ए पी प्रयोग की जाती है जिससे उत्पादन नहीं बढ़ पाता हैं। उनके द्वारा यह अपील किया गया कि दलहनी और तिलहनी फसलों में कृषक सुपर खाद का ही उपयोग करें जिससे जनपद की उत्पादकता बढ़ सके और प्रदेश स्तर से अधिक हो सके। समितियों से हो रहे उर्वरक वितरण की समीक्षा मे पाया गया कि अभी दलहनी तिलहनी फसलों की बुवाई हो रही हैं परन्तु कुछ सचिवों द्वारा कुछ किसानों को अत्यधिक मात्रा में डीएपी की बिक्री करते हुये 18 से 22 बोरी तक डीएपी की बिक्री की गई है। जिलाधिकारी द्वारा एआर को ऑपरेटिव से उक्त वितरण एवं समितियों के निरीक्षण के बाबत पूछा गया। ए.आर. कोऑपरेटिव द्वारा अवगत कराया गया कि इनके द्वारा क्षेत्र में भ्रमण कर समितियो का निरीक्षण किया जा रहा है एवं वितरण की जांच कराई जा रही है जिसकी रिपोर्ट शीघ्र सौंप दी जायेगी।यह पाया गया कि पी सी एफ के कृषक सेवा केंद्र सुरहुरपुर द्वारा एक ही दिन में 30 किसानों को 300 बोरी से अधिक डीएपी का वितरण कर दिया गया है। इसके बाबत पूछे जाने पर केंद्र प्रभारी द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका।जिलाधिकारी द्वारा प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई गई कि जिला प्रबंधक पीसीएफ को प्रकरण की जांच करने एवं शिथिल पर्यवेक्षण हेतु स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी द्वारा जिन कृषकों को 14 बोरी से अधिक डी ए पी वितरण किया गया हैं उनकी जांच करने हेतु संबंधित उप जिलाधिकारियों को एवं जिन कृषकों को 10 से लेकर 13 बोरी तक डी ए पी की बिक्री की गयी हैं उनकी जांच करने को खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया। सहकारिता विभाग के ए डी ओ कोऑपरेटिव ए डी सी ओ को अपने क्षेत्राधिकार की समितियो से उर्वरक वितरण की नियमित समीक्षा करने हेतु निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर उर्वरकों की सुगमतापूर्वक उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु ज़िला कृषि अधिकारी कार्यालय मे एक कंट्रोल रूम की स्थापना करायी गयी है जिसका नंबर 9455485475 है । समीक्षा में पाया गया कि जनपद में माह के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है। जिलाधिकारी द्वारा सख्त हिदायत दिया गया है कि कृषकों को उनकी जोत के और फसलों की आवश्यकता अनुसार ही यूरिया, डीएपी या अन्य उर्वरक निर्धारित मूल्य पर वितरित किया जाए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी डॉ. सदानंद गुप्ता, उप जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी,उप निदेशक कृषि डॉ अश्वनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय, समस्त साधन सहकारी समितियों के सचिव, क्षेत्राधिकारी इफको, जिला प्रबंधक पी सी एफ, खंड विकास अधिकारी तथा ए आर कोऑपरेटिव मौके पर उपस्थित रहे।