अयोध्या। होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन की जयंती उपलक्ष में शहर के सिविल लाइन स्थित एक होटल के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल मिश्रा रहे। कार्यक्रम का आयोजन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन की अयोध्या की ओर से किया गया। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर चंद्र गोपाल पांडे ने अध्यक्षता की। डा राजेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
मुख्य अतिथि डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि होम्योपैथी की भविष्य मे अपार सम्भावनाएं है। जैसे जैसे विश्व की आबादी बढ़ेगी और औषधियों की मांग बढ़ेगी तो सभी को औषिधि और उपचार उपलब्ध करावाना एक चुनौती होगी ऐसे में होम्योपैथी ही एक मात्र विकल्प होगा क्योकि इसमें औषधि का प्रयोग बहुत सूक्ष्म मात्रा मे किया जाता है। उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्सको का आहवान किया कि वे कड़ी मेहनत करें और पीडित मानवता की सेवा मे अपना सर्वोत्तम योगदान करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा0 चन्द्रगोपाल पाण्डेय ने बताया कि होम्योपैथी के सिद्धान्तों के संकेत हमारे शास्त्रों में अलग-अलग रूपों में मिलते है। ई.एन.टी और वाररस जनित बीमारियों में होम्योपैथिक औषधियों के प्रभाव पर उदाहरण सहित प्रकाश डाला।
जिले के वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक व सेक्रेटरी डॉ0 धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डॉक्टर हेनीमैन ने मानव जाति के लिए बहुत सी दवा निकाली जो आज धीरे-धीरे पूरे विश्व में मान्य हुआ है। होम्योपैथ प्रणाली अपने गुण एवं लाभ देने के कारण दिनोदिन प्रसिद्ध होती जा रही है। जैसे-जैसे दुनिया के लोग अन्य दवाओं के साइड इफेक्ट से परेशान हो रहे हैं। उनका झुकाव होम्योपैथ की ओर होता जा रहा है। भारत सरकार भी आयुष मंत्रालय के निर्देशन में आयुष चिकित्सकों में होम्योपैथ को प्रमुखता से शामिल किया है।लखनऊ से आये वरिष्ठ कैसर सर्जन डा हेमन्त सिंह निरंजन “ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की नवीन विकास’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए बताया कि कैंसर का इलाज और पहचान समय से हो तो यह बीमारी ठीक हो जाती है।