अंबेडकर नगर। वाह रे अहिरौली पुलिस मृत व्यक्ति को अपनी आख्या रिपोर्ट में गवाह बना दिया। पुलिस के इस कृत्य की चर्चाएं चहुओर हो रही है। सरकार जन शिकायतों को गुणवत्ता पूर्ण पारदर्शी ढंग से निस्तारण के लिए भले ही लाख कोशिश कर रही हो, लेकिन धरातल पर तो संबंधित कर्मचारियों द्वारा पोर्टल का मजाक ही बना दिया जाता है। प्रकरण में जहां मुर्दे भी पुलिस के आख्या रिपोर्ट में गवाह बन रहे हैं, और वही दूसरा गवाह उस ग्राम सभा का भी नहीं है जिसका नाम आख्या रिपोर्ट में उप निरीक्षक रामाग्रय ने लगाई है। मामला एक मोटरसाइकिल चोरी से जुड़ा हुआ है, जिसमें पीड़ित विजय कुमार पुत्र जगदेव निवासी ग्राम मेदिनीपुर थाना महाराजगंज जनपद अयोध्या जो कीअपने बहन के घर शादी समारोह में संग्रामपुर गांव में आया हुआ था, जिसमें उसकी मोटरसाइकिल 28 मई की रात में चोरी हो गई। पीड़ित ने थाने में अगले दिन 29मई तहरीर देने पहुंचा तो वहां पर उपस्थित हल्का नंबर तीन के उपनिरीक्षक ने तहरीर लेने से मना कर दिया और कहा कि दो-चार दिन देख लो हो सकता है कहीं मिल ही जाए। पीड़ित वहां से घर आ गया और दो-चार दिन खोजबीन किया नहीं मिला फिर दोबारा अहिरौली थाने शिकायत पत्र देकर मुकदमा पंजीकृत करने के लिए गुहार लगाई, लेकिन उपनिरीक्षक ने दोबारा वही बात कही कि दो दिन और देख लो उसके बाद हम देखते हैं। दो दिन और बीतने के बाद पीड़ित ने देखा कि यहां से कार्रवाई होना संभव नहीं है तो उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायती पत्र दर्ज कराई। और शिकायती पत्र उप निरीक्षक रामाग्रय ने पीड़ित को ही शराबी बता दिया और ग्राम सभा संग्रामपुर के दो ऐसे गवाहों का नाम अपने आख्या रिपोर्ट में प्रस्तुत किया है जिसमें एक की मृत्यु 2021 में हो चुकी है और दूसरा ग्रामसभा संग्रामपुर का है ही नहीं। जब इस संबंध में उप निरीक्षक से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने अपना काम कर दिया है और आपको जो करना है आप कर लीजिए। आखिर इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान व बिना घटनास्थल का जांच किए हुए हैं गलत आख्या रिपोर्ट लगाकर उच्चाधिकारियों को भ्रमित करने वाले ऐसे लोगों पर कार्यवाही कब होगी। वहीं इस मामले में जब पुलिस अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया तो उसने सम्पर्क नहीं हो सका।