◆ राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य महिला आयोगों की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को कार्यशाला में किया प्रशिक्षित
◆ तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन, अंतिम दिन कानून के विषय में दी गई जानकारी
अयोध्या। राष्ट्रीय महिला आयोग की सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला का गुरुवार समापन हो गया। कार्यशाला के दौरान राज्य महिला आयोगो की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के साथ पारिवारिक विवाद को दूर करने की रणनीति पर मंथन किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग पूरे देश में तेरे मेरे सपने के नाम से विवाह पूर्व परामर्श केन्द्र खोलेगा। वर्तमान में पूरे देश में 23 ऐसे सेंटर चल रहे है। जिसमें यूपी में नोयडा में सेंटर खोला गया है।
कार्यशाला का समापन करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि विवाह पूर्व परामर्श केन्द्र पर काफी काम करने की जरुरत है। अभी नौ प्रदेशों मे इसकी शुरुआत हो गई है। इस में आने वाले परिवारिक विवादों को समय से पहले सुलझाने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि समापन सत्र में कानून के विशेषज्ञ अभय नारायन त्रिपाठी ने राज्य महिला आयोग को कानून व एक्ट के माध्यम से मिले अधिकारों के बारें में जानकारी दिया। महिलाओं को कानून के बारें में जागरुक करने पर चर्चा हुई। बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं महिलाओं को उपलब्ध कराने के विषय पर आयोगो को काम करना है। इसके लिए लगातार विशेषज्ञों के साथ आनलाइन बैठके होती रहेगी। राष्ट्रीय महिला आयोग हर चार महीने राज्य महिला आयोगो के साथ बैठके करत रहेगा।
जागरुकता से बदलेगा महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि का चलन
आरक्षण के माध्यम से महिलाएं जनप्रतिनिधि तो बन जाती है, लेकिन उनके पति व बेटे उनके प्रतिनिधि के रुप में काम करते है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर का कहना है कि यह रातो रात नहीं बदलेगा। इसके लिए महिलाओं को जागरुक करने की जरुरत है। पति व बेटे अगर अनुभवी है, तो महिलाएं उनसे सलाह ले सकती है। लेकिन महिलाओं को स्वयं काम करना चाहिए। पति के उनकी कुर्सी पर बैठना व हस्ताक्षर करना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्कान जैसी घटनाएं समाज के सामने नहीं आनी चाहिए। इसके लिए समाज को आगे आना होगा।