◆ 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे अयोध्या, रामजन्मोत्सव पर मंदिरों पर कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
◆ प्रमुख द्वारों पर थी बैरिकेडिंग, सीसी कैमरों से हुई निगरानी, गश्त करते दिखे अधिकारी
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में देर शाम को पर्यटन विभाग की ओर से चौधरी चरण सिंह घाट पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
इस दौरान 2.51 लाख दीपों को प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसे शिक्षा विभाग की तरफ से लगभग 800 स्कूली बच्चों की कड़ी मेहनत से पूरा किया गया। सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने चौधरी चरण सिंह घाट पर प्रथम दीप प्रज्वलित कर उत्सव का शुभारंभ किया। जैसे ही दीपों की जगमगाहट से घाट प्रकाशित हुए, वातावरण में “जय श्री राम“ के जयकारों की गूंज उठी। घाट पर बनाई गई आकर्षक प्रभु श्री राम की रंगोलियों ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन मोह लिया। देर शाम तक लोग यहां पहुंचते रहे और सेल्फी लेते हुए इस ऐतिहासिक पल को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए।
आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए रही कड़ी सुरक्षा
जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ-साथ प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी संसाधनों का उपयोग देखने को मिला। अयोध्या को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन का अवसर मिले। शहर के सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग की गई, जबकि सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई। भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए एक दिन पहले से ही लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दर्शको को किया मंत्रमुग्ध
रामकथा पार्क के बगल पक्की पार्किंग में भी देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर चला। स्थानीय कलाकारों ने भजनों और रामलीला के मंचन के जरिए दर्शकों और श्रोताओं के दिलों को जीत लिया। इन कार्यक्रमों में रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अयोध्या की समृद्ध परंपरा को उजागर करने वाला साबित हुआ।
15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे रामनगरी
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि रामनगरी में 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं।उन्होंने कहा की श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह पर्व शांति और उत्साह के साथ मनाया गया। प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया गया कि किसी को कोई असुविधा न हो।