◆ कलश में सरयू जल भर नौ दिन होता है जगतजननी का पूजन
अयोध्या। नवरात्र की पूर्व संध्या पर सरयू तट से वरुण आह्वान के साथ भव्य कलश यात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। हर वर्ष की भांति शक्तिवाहिनी के संयोजन यात्रा सरयू तट से शुरू होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई छोटी देवकाली मंदिर पहुंची। यात्रा का संयोजन केंद्रीय दुर्गापूजा व रामलीला समन्वय समिति तथा शक्ति वाहिनी के संयुक्त संयोजन से किया गया। यात्रा नयाघाट, बाबू बाजार, श्रृंगारहाट, हनुमानगगढ़ी होते हुए छोटी देवकाली मंदिर पहुंची। यात्रा का आचार्य पीठ तिवारी मंदिर के सामने महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने माता जी की आरती की। यात्रा का दर्जनों स्थानों पर स्वागत हुआ और लोगों ने पुष्प वर्षा की।
केंद्रीय समिति के संयोजक महंत धनुषधारी शुक्ला ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से यह यात्रा अनवरत नवरात्रि के पूर्व संध्या पर निकाली जाती है। अध्यक्ष रमापति पांडे ने बताया कलश यात्रा सनातन परंपरा का एक अंग है जिसमें कोई अनुष्ठान प्रारंभ करने से पहले हम किसी पवित्र नदी से जल भरते है। नवरात्रि प्रारंभ के पूर्व मां सरयू के जल का पूजन करके कलश में भरकर अपने-अपने घरों मे मां की स्थापना पूजन करेंगी।
शक्ति वाहिनी की प्रमुख बिंदु सिंह ने बताया कि बड़े ही उत्साह के साथ माताएं बहने माता की कलश यात्रा में शामिल होती हैं और यही कलश स्थापित करके 9 दिन तक पूजा करती है।
प्रवक्ता भानुप्रताप सिंह ने बताया कि रविवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है और इसी के साथ ही मंदिर में कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा का पूजन-अर्चन शुरू होगा। अशोक शास्त्री ने वरुण पूजन कराया। वन्दना त्रिपाठी, पार्वती कौशल, दया मिश्रा, आंचल यादव, प्रभादेवी, अनीता सिंह, अंजू सिंह, कुमकुम दुबे, रंजना सागर, अनीता, पुष्पा, महासचिव श्री निवास शास्त्री , दीपचंद्र राही, देवर्षिराम त्रिपाठी ,सुरक्षा प्रभारी पंकज गुप्ता, मंगल गुप्ता, अनिल सहित सैकड़ों भाई बहनों ने भाग लिया।