अम्बेडकरनगर। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार चतुर्थ प्रशासनिक न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में मां सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपार्चन एवं पुष्पार्चन करके पदम नारायण मिश्र जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,आदिल आफताब अहमद,प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय,चन्द्रहास राम अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, दयाराम, अध्यक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ,रत्नेश मणि त्रिपाठी विशेष न्यायाधीश एस०सी०/ एस०टी० एक्ट / नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत, की उपस्थिति में एवं कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, की देख-रेख में एवं जनपद न्यायालय के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण की उपस्थिति में कराया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 23 अदालतें लगायी गयी थी। चन्द्रहास राम, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत द्वारा दो वादों का निस्तारण किया गया। आदिल आफताब अहमद,प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय,द्वारा कुल 36 पारिवारिक वादों का निस्तारण किया गया। विश्वनाथ, प्रथम, अपर जिला न्यायाधीश, द्वारा कुल 69 वादों का निस्तारण करते हुये दो लाख पच्चीस हजार रुपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। रत्नेश मणि त्रिपाठी, विशेष न्यायाधीश, अनु०जाति / अनु०जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम,दो वादों का निस्तारण करते हुये पांच सौ रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। विजय कुमार डुंगराकोटी, द्वितीय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,द्वारा तीन वादों का निस्तारण करते हुये एक हजार पांच सौ रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। आशीष वर्मा, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम द्वारा एक वाद का निस्तारण करते हुए पाच सौ रूपये का अर्थदण्ड आरोपित गया। सुशील कुमार चतुर्थ, अपर जिला जज, पाक्सो प्रथम, द्वारा एक वाद का निस्तारण किया गया। अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, चतुर्थ, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,द्वारा एक वाद का निस्तारण करते हुये पाच सौ रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। श्रीमती पूनम सिंह अपर जिला जज, त्वरित, द्वितीय, द्वारा एक वाद का निस्तारण करते हुए पांच सौ का अर्थदण्ड आरोपित गया। सुश्री प्रियंका सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,द्वारा सबसे अधिकतम 4840 वादों का निस्तारण करते हुए दो लाख पंद्रह हजार पचास रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया। श्रीमती अंशु शुक्ला, सिविल जज (सी०वि०) द्वारा 20 वादों का निस्तारण करते हुए बारह लाख सत्ताइस हजार दो सौ तिरसठ रूपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया। आतिफ सिद्दकी, सिविल जज (जू० डि०) / जे०एम० टाण्डा, द्वारा कुल 767 वादों का निस्तारण करते हुए ग्यारह लाख चौरासी हजार तिरासी रूपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया एवं साठ हजार दस रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया। श्रीमती अर्शी नूर सिविल जज (जू०डि०) द्वारा कुल 15 वादों का निस्तारण करते हुए दस लाख, सत्ताईस हजार सात सौ चौसठ रुपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया। आदर्श अमोल अपर सिविल जज ( जू०डि०) प्रथम,द्वारा कुल 450 वादों का निस्तारण करते हुए बारह हजार तीन सौ अस्सी रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया। सुश्री सौम्या द्विवेदी, अपर सिविल जज ( जू०वि०) द्वितीय, द्वारा कुल 334 वादों का निस्तारण करते हुए सोलह हजार रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक निर्णय देते हुये वर्ष 1986 से लम्बित वाद सरकार बनाम वेदप्रकाश वाद सं-निल / 1986) एवं वर्ष 1990 से लम्बित वाद सरकार बनाम रामभुआल वाद सं ( 218/1990) सरकार बनाम रामप्रकाश वाद सं- (241/1990) सरकार बनाम वीरेन्द्र याद से- ( 242 / 1990) एवं वर्ष 1996 से लम्बित याद सरकार बनाम चन्द्रप्रकाश वाद स- (18/1996 ) का भी निस्तारण किया गया, इस प्रकार अपर सिविल जज ( जू०वि०) द्वितीय, द्वारा लगभग 37 वर्षो से लम्बित विवादों को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया। श्रीमती सृष्टि त्रिपाठी, अपर सिविल जज ( जू०जि०) तृतीय द्वारा कुल 351 वादों का निस्तारण करते हुए पंद्रह हजार सात सौ रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया। अमरनाथ, अपर सिविल जज ( जू०टि०) पंचम, द्वारा कुल 451 वादों का निस्तारण करते हुए सोलह हजार दो सी दस रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया। सुश्री कामाक्षी सागर, अपर सिविल जज ( जू०) त्वरित प्रथम द्वारा कुल 504 वादों का निस्तारण करते हुये इकतीस हजार छः सौ रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। अशोक कुमार, अपर सिविल जज (जूडि०) त्वरित,द्वारा कुल 648 चादों का निस्तारण करते हुए चौवन हजार पांच सौ पचास रूपये का अर्थदंड आरोपित किया गया।
इसके अतिरिक्त इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,द्वारा 22 वादों का निस्तारण करते हुये छब्बीस लाख तीस हजार छिहत्तर रूपये क्षतिपूर्ति दिलवाई गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय के समस्त न्यायालयों द्वारा कुल 8306 वाद, जनपद के राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 17279 राजस्व वाद, विद्युत विभाग के 3367 वाद एवं जनपद के अन्य विभागों द्वारा 16943 वाद, बैंक ऑफ बड़ौदा, बड़ौदा उ०प्र० ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक सहित जनपद के अन्य बैंकों द्वारा स्टाल लगाकर 1220 वाद निस्तारित करते हुये 7,36,78,912/- रू० का समझौता किया गया जिसमें से 1,95,54,016 /- रू० तत्काल वसूल किया गया। इस प्रकार कुल प्री-लिटिगेशन के 38809 वादों का निस्तारण हुआ। कुल मिलाकर इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 47115 वादों का निस्तारण किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में श्रीमती मीनाक्षी यादव, न्यायिक मजिस्ट्रेट,रविकात शर्मा अग्रणी जिला प्रबन्धक बैंक ऑफ बड़ौदा, शिव कुमार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, जनपद न्यायालय, अमित कुमार वर्मा, न्यायालय प्रबन्धक मयूर श्रीवास्तव, सिस्टम ऑफिसर मनोज कुमार पाण्डेय, केन्द्रीय नाजिर, ओमकेश पाण्डेय, सहायक नाजिर सहित अन्य वादकारीगण व अधिवक्तागण आदि उपस्थित रहे।