Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या साढ़े 19 लाख मतदाता चुनेंगे अपना सांसद

साढ़े 19 लाख मतदाता चुनेंगे अपना सांसद

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◆ फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में खास तौर पर है राजनैतिक विशेषज्ञों की नजर


✍ विनोद कुमार तिवारी


अयोध्या । लोकसभा क्षेत्र-54 के करीब साढ़े उन्नीस लाख मतदाता मतदान में हिस्सा लेंगे। लोकसभा सामान्य चुनाव 2024 का पांचवे चरण का मतदान होने वाला है। लोकसभा क्षेत्र में भाजपा, सपा, बसपा और कम्युनिस्ट पार्टी से चार मुख्य पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, बाकी निर्दल वा अन्य पार्टियों से भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जातीय समीकरण की बात करें क्षत्रिय जाति के लोगों में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की पकड़ तो वहीं सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद की पासी व अन्य अनुसूचित में, कम्युनिस्ट पार्टी से पूर्व आईपीएस अधिकारी/ प्रत्याशी अरविंद सेन यादव की यादव जाति में अच्छी पकड़ है, वहीं बसपा ने ब्राह्मण जाति के सच्चिदानंद पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है।
दो बार लगातार भाजपा से चुनाव जीत चुके लल्लू सिंह को फिर से भाजपा पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने प्रत्याशी के समर्थन में दो बार जनसभा कर चुके हैं, भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रोड शो किया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो बार जनसभा की उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रोड शो किया, अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भी जनसभा की।
सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद नौ बार विधायक बने, छह बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं। वर्तमान में मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक भी हैं। इसी क्षेत्र में दबदबा रखने वाले मित्रसेन यादव के परिवार से उनको चुनौती है क्योंकि स्वर्गीय मित्रसेन यादव के बड़े पुत्र अरविंद सेन यादव कम्युनिस्ट पार्टी से प्रत्याशी हैं। अरविंद सेन अपने पिता के सबसे पुराने दल से चुनाव मैदान में है इस परिवार का लगभग 50 वर्षों से मिल्कीपुर और बीकापुर क्षेत्र में दबदबा रहा है। लोकसभा क्षेत्र 54 के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो सपा, बसपा और कम्युनिस्ट पार्टी का प्रचार नाम मात्र रहा, कई गांव ऐसे भी है जहां पर इन पार्टियों के प्रत्याशी व कार्यकर्ता प्रचार भी नहीं करने गए हैं, मिल्कीपुर विधानसभा के इलाकों के दर्जनों मतदाताओं का कहना है कि इस बार कोई ढंग का किसी भी पार्टी से प्रत्याशी नहीं है, केवल मजबूरी है प्रत्याशी को वोट देना है जनपद में सबसे अधिक युवा मतदाताओं की भागीदारी है। फैसला उनके हाथ में है कि किस पार्टी के प्रत्याशी को जनपद का सांसद चुनना है।

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