◆ 140 करोड़ जनता से हाथ जोड़कर 22 जनवरी को रामज्योति जलाने की किया प्रार्थना
◆ देश के सभी मंदिरों पर 14 जनवरी मकर संक्रन्ति से 22 जनवरी तक स्वच्छता अभियान चलाने की अपील
अयोध्या। एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा सम्बोधन 22 जनवरी राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर केन्दित रहा है। अपने भाषण की समाप्ति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अयोध्या जैसे पवित्र धाम के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मोदी इसलिए गारंटी लेता है क्योंकि उसे पूरा करने के लिए पूरा जीवन खपा देता है। दिन रात एक कर देता है।
उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ देश वासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं। 22 जनवरी को जब प्रभु श्रीराम विराजमान हों तो अपने घर में रामज्योति जलाते हुए दीपावली की तरह जगमग कर दें। 22 जनवरी को सभी की इच्छा अयोध्या आने की होगी। परन्तु 22 जनवरी को अयोध्या न आए। जैसे 550 वर्ष इंतजार किया है। उसी प्रकार कुछ दिन और इंतजार कर लें। राममंदिर दर्शन के लिए लाखों लोग आएगें। अयोध्या को सबसे सुन्दर शहर बनाने का अयोध्यावासी संकल्प लें। देश भर के सभी मंदिरों में 14 जनवरी मकर संक्रान्ति से 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा तक स्वच्छता अभियान चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज उज्जवला के लाभार्थी के यहां चाय पीने का सौभाग्य मिला। 1 मई 2016 को उद्घाटन के समय यह सोचा नहीं था कि यह योजना यहां तक जाएगी। पहले 50 से 55 वर्षो में 14 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गये थे। विगत एक दशक में 18 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गये। जिसमें 10 करोड़ गरीबों को मिले। उन्होंने कहा कि अभी एयरपोर्ट में 10 लाख यात्री प्रतिवर्ष आने की सुविधा है। जिसे बढ़ाकर 60 लाख किया जाएगा। अयोध्या रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन 10 से 15 हजार यात्री आ रहे है। जिसे बढ़ाकर 60 हजार किया जाएगा। रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ व जन्मभूमि पथ बनने से यातायात और सुगम हो जाएगा। सरयू की धारा को स्वच्छ रखने के लिए सरकार काम कर रही है। राम की पैड़ी को नया स्वरुप दिया गया।
उन्होंने बताया कि देश की पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से शुरू की गई है। यह बिहार के यात्रियों के दर्शन को सुगम बनाएगी। गरीबों को आधुनिक सुविधा देने के लिए इसकी शुरूआत की गई है। विकास और विरासत को वंदे भारत ट्रेन जोड़ रही है। भारत के कोने कोने से कोई न कोई यात्रा निकलती रहती है। जिनसे ईश्वर के प्रति जुड़ाव और प्रगाढ़ होता है। काशी विश्वनाथ के निर्माण के साथ 30 हजार पंचायत भवन का निर्माण भी हुआ है। महाकाल के निर्माण के साथ हर घर जल पहुंचाने के लिए 20 हजार टंकियों बनाई गयी है। आज यहां प्रगति का उत्सव है। कुछ दिन बाद परम्परा का उत्सव होगा। आज विकास को भव्य रुप में देख रहे है। कुछ दिन बाद विरासत को देखेंगे। विकास व विरासत की साझा ताकत विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाएगी।