◆ संगठन के पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि व पूर्व जनप्रतिनिधि है कतार में
◆ जीत के बाद दो पूर्व जनप्रतिनिधियों का नाम सबसे ज्यादा बना चर्चा का विषय
अयोध्या। मिल्कीपुर जीत का पुरस्कार किसे मिलेगा, किसका भाजपा में कद बढ़ेगा। अयोध्या से लेकर लखनऊ तक भाजपा में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गया है। नेताओं के समर्थक इसके बारे में चर्चा कर रहे है। प्रदेश सरकार के सात मंत्री, संगठन के पदाधिकारी व स्थानीय स्तर पर चुनाव को मैनेज करने में पूर्व सांसद लल्लू सिंह व पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी का नाम सबसे उपर है। लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में इसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है।
चुनाव की जीत की समीक्षा दिल्ली स्थित भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व भी कर रहा है। इसके लिए चुनाव में लगे भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों से स्थानीय स्तर पर चुनाव में मेहनत करने वाले नेताओं के बारें में जानकारी ली जा रही है। मिल्कीपुर चुनाव के बाद आने वाले समय में इन कई नेताओं को विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मिल्कीपुर उपचुनाव में जलशक्तिमंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खेलमंत्री गिरीश चन्द्र यादव, राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने चुनाव की कमान सम्भाल रखी थी। संगठनात्मक गतिबिधियों की लगातार समीक्षा सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने किया। संगठन में उत्साह भरने की जिम्मेदारी प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने लिया था। प्रदेश उपाध्यक्ष व एमएलसी धर्मेन्द्र सिंह व एमएलसी अवनीश पटेल लगातार मिल्कीपुर में सक्रिय थे।
पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने अपने लम्बे राजनीतिक अनुभव से मिल्कीपुर साधने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू ने मिल्कीपुर में सजातीय मतों ध्रुवीकरण में सर्वाधिक भूमिका निभाई। संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने चुनाव प्रबंधन से लेकर जनसम्पर्क तक लगातार सक्रिय रहे। स्थानीय स्तर पर चुनाव प्रबन्धन का अनुभव रखने वाले जिले स्तर के पदाधिकारियों को शक्ति केन्द्रों स्तर तक जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें वह लगातार सक्रिय होकर जिले से लेकर बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों में समन्वय स्थापित करने का कार्य कर रहे थे। मिल्कीपुर चुनाव में विजय के उपरांत नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है।
नेता करते रहे आवंटित बूथों का विश्लेषण
परिणाम आने के बाद बूथों के आंकड़े जारी हुए। रविवार को चुनाव में लगे नेताओं द्वारा अपने आवंटित बूथों पर मिले मतों का विश्लेषण करते रहे। लगभग बूथों पर भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। नेता सोशल मीडिया के माध्यम से शक्तिकेन्द्र व बूथ विजय की सूची दिन भर प्रसारित करते रहे।