◆ रामलला के मनोरंजन के लिए रखे गए है चांदी के खिलौने
अयोध्या। रामलला का नूतन विग्रह शास्त्रों में वर्णित दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से सुसज्जित हो भव्य मंदिर में विराजमान हैं। अध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरिमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त इन आभूषणों का निर्माण किया गया है। साहित्यकार यतींद्र मिश्र के शोध के अनुसार आभूषणों का निर्माण श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ ने किया है।
रामलला बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं। इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से सुसज्जित है। जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं। इन वस्त्रों का निर्माण प्राख्यात डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने किया है।
भगवान के माथे पर मुकुट स्वर्ण निर्मित है जिसमें माणिक्य, पन्ना और हीरों से अलंकरण किया गया है। जिसके मध्य में भगवान सूर्य अंकित है। कानों के मयूर आकृति के कुण्डल सोने, हीरे तथा माणिक्य जड़ित है। गले में अर्धचन्द्रकार कण्ठा है। हीरे माणिक्य व पन्नो से जड़ित कण्ठा के मध्य में सूर्य देव बने है। हदय स्थल पर कौस्तुक मणि धारण कराया गया है। पदिक का देव अलंकरण में विशेष महत्व होता है। हीरं व पन्ने जड़ित पदिक पहनाया गया है। वैजयन्ती या विजयमाल पहनाया गया है। वैष्णव परम्परा के अनुसार सूर्दशन चक्र, पद्मपुष्प, शंख व मंगल कलश को दर्शाया गया है। कमर में करधनी, दोनों भुजाओं में भुजबन्ध, हाथों में रत्नजड़ित कंगन व होनों हाथों में अंगूठियां पहनाई गई है। पैरों में पैजनियां, गले में बनमाला तथा प्रभा मंडल के ऊपर स्वर्ण छत्र लगाया गया है। उनके चरणों के नीचे कमल तथा उसके नीचे स्वर्णमाला सजाई गई है। राम लला के मनोरंजन के लिए चांदी से निर्मित खिलौने रखे गए है। उनके समीप झुनझुना, हाथी, घोडा, ऊंट, खिलौना गाड़ी तथा लट्टू को रखा गया है।