जलालपुर अम्बेडकर नगर। दो मुहर्रम को नगर के सराय चौक स्थित मलिक रज़ा हुसैन के आवास से निकलने वाला परम्परागत मातमी जुलूस मौलाना मीसम रज़ा जाहिदी की मजलिस के शुरू हुआ।मौलाना ने जुलूस निकलने के पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए कर्बला में हुए बलिदान की याद को ताजा किया। मौलाना ने कहा हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने ज़ुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद की।मर्सिया ख्वानी जौहेर अब्बास व उनके साथियों ने किया।जुलूस में शामिल अंजुमन फ़िदा-ए-हुसैन,अंजुमन जाफरिया,अंजुमन जुलफेकारिया, अंजुमन अजाए हुसैन,अंजुमन रौनक -ए-अजा समेत दर्जनों अंजुमनों ने नौहा ख्वानी पेश कर्बला के शहीदों को याद किया।अलम के साथ निकले जुलूस में जुलजिनाह (दुलदुल) की जियारत करने अजादार उमड़ पडे । उक्त अवसर पर मिनहाल रज़ा,शहजादे अली,दावर हुसैन, मुन्ना भाई,इब्ने अली जाफरी, इनाम हुसैन जाफरी आदि मौजूद रहे। जुलूस की निगरानी नोडल अधिकारी अमरकांत मौर्या,उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह,सीओ देवेंद्र कुमार मौर्य कोतवाल संतोष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ करते रहे। इसके अलावा नगर के मुहल्ला जाफराबाद स्थित मासूमिया इमाम बारगाह, हसन असकरी, मोहम्मद यूसुफ, हाजी इरफान,फईक हुसैन के आवास पर आयोजित मजलिसों में बड़ी संख्या में शिरकत कर अजादार इमाम हुसैन के ग़म मे आंसुओं का नजराना पेश कर रहे हैं। छोटे इमाम बारगाह में हैदर मेहंदी ने रात्रि की मजलिस में कर्बला के जांबाज सिपाहियों की दिलेरी का वर्णन किया। बड़े इमाम बारगाह में मौलाना अली असगर हैदरी ने कर्बला और हयात -ए-इस्लाम शीर्षक से मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कर्बला हयात-ए-इस्लाम है। कर्बला की जंग हमें सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रही है।