अम्बेडकर नगर। जनपद में बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने अनुचित छंटनी के विरोध में तीसरे दिन भी जोरदार प्रदर्शन करते हुए अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण सत्याग्रह के माध्यम से अपनी मांगों को प्रबंधन के समक्ष रखा और ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत कुल 950 कर्मचारियों में से 650 को बिना किसी पूर्व सूचना और कारण बताए हटा दिया गया। ये सभी कर्मचारी विगत 14 वर्षों से बिजली विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे। छंटनी के कारण इन कर्मचारियों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।
राजन चौधरी, उपाध्यक्ष (मध्यांचल), उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने बताया कि बिना कारण बताई गई यह छंटनी पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। कर्मचारियों का आरोप है कि प्राइवेट मैनपावर एजेंसी द्वारा पहले कर्मचारियों को निकाला जाता है और बाद में पुनः नियुक्ति के नाम पर उनसे एक से डेढ़ लाख रुपये तक की वसूली की जाती है।
चयन प्रक्रिया पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि जिन कर्मचारियों को छांटा गया, वे वर्षों से कार्यरत थे जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को, जो कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं रहते और अधिकारियों के निजी कार्यों में लगे रहते हैं, उन्हें बख्श दिया गया। महज रात के 12 घंटे के भीतर दूसरी छंटनी सूची जारी कर दी गई, जिससे चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं।
आंदोलन रहेगा जारी
संविदा कर्मियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक निकाले गए सभी कर्मचारियों को पुनः बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस विरोध प्रदर्शन में राजन चौधरी (मध्यांचल उपाध्यक्ष), दुर्गेश तिवारी (संगठन मंत्री), पंकज मिश्रा (केंद्रीय समिति सदस्य), सुमित कन्नौजिया, मुंशीराम यादव, संगम, राजकुमार, मंशाराम, कृष्णा यादव, देवेंद्र, अरविंद, पवन मौर्या, हिमांशु, शैलेन्द्र पांडे, सुरेश, सुबोध कुमार, संजय कुमार सहित सैकड़ों संविदा कर्मचारी उपस्थित रहे।