Saturday, November 23, 2024
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स्वानुशासित जीवन ही राम राज्य -परम हंस आचार्य

Ayodhya Samachar

अंबेडकरनगर । श्री रामलीला समित तिवारीपुर द्वारा आयोजित रामलीला में शनिवार को सीता हरण, सुग्रीव मिलन, बाली वध का मंचन किया गया । मंचन में रावण मारीच को सोने का मृग बना कर पंचवटी में भेजता है, जैसे ही सीता की नजर उस सोने के मृग पर पड़ती है तो वह भगवान राम से कहती हैं कि हे प्राणनाथ देखो कितना सुंदर सोने का मृग है। आप इसे लेकर आओ तब भगवान राम उस माया के बने मृग के पीछे जाते हैं। इसी दौरान रावण साधु का भेष बनाकर आता है और भिक्षा के बहाने सीता का हरण करके ले जाता है। जब राम वापस आते तो सीता को पंचवटी में नहीं पाते हैं और दोनों भाई उनके वियोग में काफी दुखी होते हैं और सीता की खोज में निकल पड़ते हैं।

“हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी, तुम्ह देखी सीता मृगनैनी”…

कहते हुए रामलीला में प्रभु श्री राम व लक्ष्मण माता सीता की खोज में वन-वन भटक रहे थे। माता सीता की खोज करते हुए प्रभु श्री राम शबरी आश्रम पहुंच गए। यहां राम ने शबरी के झूठे बैर खा कर भगवान और भक्त के निस्वार्थ प्रेम को दर्शाया।

भगवान राम ने शबरी को नवधा भक्ति बताते हुए, सीता की सुध पूछी, शबरी ने बताया कि आगे ऋष्य्मूक पर्वत पर सुग्रीव मिलेंगे वहीं माता सीता की खोज में आप की मदद करेंगे। इस दौरान दर्शकों को श्री राम व हनुमान के अलौकिक मिलन देखने को मिला।

सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली के डर से ऋष्य्मूक पर्वत पर अपने विश्वसनीय मित्रों के साथ रहते हैं। हनुमान जी ने सुग्रीव के बारे में बताते हुए कहा कि सुग्रीव अपने भाई बाली से बहुत परेशान हैं। बाली ने सुग्रीव का धन-स्त्री आदि सब कुछ छीन लिया। धन-स्त्री के हरण होने पर सुग्रीव दुखी होकर चार मंत्रियों के साथ ऋष्यमूक पर्वत पर रहने लगे हैं।

हनुमान श्रीराम-लक्ष्मण को आदरपूर्वक सुग्रीव के पास ले गए और अग्नि के साक्षित्व में श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता कराई। भगवान ने सुग्रीव को आश्वस्त किया कि उनके दुखों का जल्द अंत होगा। भगवान श्री राम ने बाली का एक ही बाण में वध कर दिया। यह देख दर्शक प्रभु श्री राम का जयकारा लगाने लगे, प्रभु श्री राम के जयकारा से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। बाली के मरने के बाद प्रभु श्री राम ने सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया, वहीं अंगद को युवराज ।

रामलीला के मंचन के आठवें दिन तिवारीपुर में श्री श्री 1008 जगत गुरु परम हंस आचार्य जी महराज अयोध्या के आगमन से रामलीला खेल रहे कलाकारों आयोजको का मन इनकी उपस्थित मात्र से प्रफुलित हो गया और ही उत्साह के साथ कलाकारों ने अपनी कलाकृति का प्रदर्शन किया महराज जी रामलीला मंच से बताया की भगवान का राम ने जन्म सिर्फ राक्षसों के वध के लिए ही नहीं हुआ बल्कि मानव सभ्यता को नई राह दिखाने के उद्देश्य से भगवान राम जी ने धरती पर जन्म लिया।

इन्होंने बताया की माता पिता के प्रति भगवान से भी ज्यादा प्रेम और निष्ठा रखना ये रामलीला है ये हमारी संस्कृति है इस धर्म का पालन करना हम सभी मानव धर्म का प्रथम कर्तव्य है।

इस दौरान डा अजय कुमार गुप्ता, उपमा पांडे  सयोंजक संस्कृति विभाग अवध क्षेत्र , श्रावस्ती बसपा सांसद राम शिरोमणी वर्मा,भाजपा जिलाध्यक्ष डा मिथिलेश त्रिपाठी , डा आशुतोष शुक्ला एमडी, स्वर्गीय रविन्द्र त्रिपाठी पूर्व मंत्री के पौत्र डा अमित त्रिपाठी,युवा भाजपा नेता डा संतोष सिंह, युवा व्यवसाई नवीन वर्मा, जिलामंत्री विनय पाण्डे , नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि के  डा अजय गुप्ता ने फीता काटने के बाद, भगवान राम की आरती कर आठवें दिन की रामलीला का समापन किया।इस दौरान रामलीला समित के पदाधिकारी अध्यक्ष विजय मिश्र,संयोजक अरविंद मिश्र,उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश मिश्र सत्तू,मंत्री संगम पाण्डेय,सचिव मेजर तिवारी, दीनानाथ मिश्र,आदि पदाधिकारी गण मौजूद थे।

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