संक्षेप में – अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ अन्य पौराणिक स्थलों का भी हो रहा है विकास। 84 कोसी, 14 कोसी व पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के निकट स्थित पौराणिक स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं का हो रहा है विकास। सभा स्थल, छतरी, टायलेट, म्यूरलवाल, घाट एवं प्लेटफार्म, ऑटो वाटर फिल्टै्रशन, बेंच, डस्टबिन, रैलिंग, साइनिज, लाइटिंग और पेयजल व्यवस्था का किया जा रहा है कार्य।
अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि 84.24 करोड़ की लागत से 84 कोसी, 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्गों के निकट स्थित पौराणिक कुण्डों, आश्रमों आदि के पर्यटक विकास का निर्माण एवं जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि 14 कोसी मार्ग के किनारे स्थित पर्यटन स्थलों लक्ष्मीसागर कुंड, वैतरणी कुंड, निर्मल कुंड, गिरजा कुंड, विघ्नेश्वर नाथ शिव मंदिर एवं विभीषण कुंड के जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधाओं के विकास का कार्य किया जाना है।
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के निकट स्थित पर्यटन स्थलों सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, छोटी देवकाली, नागेश्वर नाथ मंदिर, श्रेश्वर नाथ मंदिर, मुंडा शिवालय, दन्तधावन कुंड, प्रहलाद कुंड, जानकी कुण्ड, मोनी बाबा आश्रम, कौशल्या घाट, विद्या देवी कुंड, सीता कुंड, दशरथ कुंड के जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधाओं का विकास कार्य किया जाना है।
इसी प्रकार जनपद अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थलोंध्कुंडों एवं आश्रमों यथा दुधेश्वर कुण्ड (सीताकुंड),महर्षि वामदेव आश्रम, जन्मेजय कुंड, नरकुंड, महर्षि वेद व्यास गेट गौराघाट, महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब, त्रिपुरारी कुंड, दशरथ समाधि स्थल, नंदीग्राम भरतकुंड, श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि च्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, श्री बंधु बाबा आश्रम व महर्षि वामदेव आश्रम व तालाब के जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधाओं के विकास कार्य किया जाना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में दंतधावनकुण्ड, सीताकुण्ड, विद्या देवी कुण्ड, गिरिजा कुण्ड, लक्ष्मी सागर कुण्ड, विभीषण कुण्ड, महर्षि वामदेव कुण्ड व आश्रम, जन्मेजय कुण्ड, दशरथ कुण्ड, दुग्धेश्वर कुण्ड (सीताकुण्ड), नन्दीग्राम भरतकुण्ड आदि पौराणिक स्थलों पर कार्य आरंभ भी हो चुका है।
अयोध्या धाम में स्थित सूर्यकुण्ड, हनुमान कुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड एवं गणेश कुंड में कार्य पूर्ण भी हो चुका है, इन स्थलों पर सभा स्थल, छतरी, टायलेट, म्यूरलवाल, घाट एवं प्लेटफार्म, ऑटो वाटर फिल्टै्रशन, बेंच, डस्टबिन, रैलिंग, साइनिज, लाइटिंग और पेयजल व्यवस्था आदि कार्य किया गया है। इन्ही कुंडों के तर्ज पर अन्य कुंडों को भी संजोने संवारने का कार्य चरणबद्व रूप में किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने उक्त कार्यो की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप कुमार गोंड को उक्त समस्त कार्यो को शासन द्वारा निर्धारित समयावधि माह दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।