अयोध्या। श्री राम जन्म भूमि मंदिर के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास का लखनऊ के पीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। 1992 के दौरान उन्हें राम मंदिर का प्रधान पुजारी बनाया गया था। पिछले 32 साल से वे राम जन्मभूमि के प्रधान अर्चक थे। उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर है।
आचार्य सत्येन्द्र दास का जन्म संतकबीर नगर जिले में 20 मई, 1945 में हुआ था। अपने पिता के साथ अक्सर अयोध्या आते रहते थे। अपने पिता के साथ वे महंत अभिराम दास के आश्रम में आने-जाने लगे। 1958 में उन्होंने सन्यास ले लिया। अयोध्या रहने के दौरान उन्होंने संस्कृत की पढ़ाई प्रारम्भ किया। गुरुकुल पद्धति से पढ़ने के बाद 12वीं तक की संस्कृत से पढ़ाई पूरी की। संस्कृत से आचार्य किया। तथा नौकरी की तलाश करने लगे। 1976 में संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक टीचर की नौकरी मिल गई। 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास की नियुक्ति राम लला के प्रधान अर्चक के रूप में हुई। तब से लगातार वे राम लला की सेवा कर रहें है।
सीएम योगी आदित्यनाथ हाल-चाल लेने पहुंचे थे पीजीआई
आचार्य सत्येन्द्र दास का हाल-चाल लेने सीएम योगी आदित्यनाथ पीजीआई पहुंचे थे। यहां चिकित्सकों से उन्होंने आचार्य के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली थी। चिकित्सकों को बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया था।
2 फरवरी की रात हुआ था ब्रेन स्टोक, लखनउ में चल रहा था इलाज
मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास को 2 फरवरी रविवार की रात ब्रेन स्टोक के बाद अयोध्या के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें एसजीपीजीआई के लिए रिफर कर दिया गया था। रविवार को ही उन्हें पीजीआई में न्यूरोलॉजी के एचडीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। हाई ब्लड शुगर तथा हाईब्लड प्रेशर के कारण उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। इससे पूर्व उन्हें 15 अक्टूबर को भी हालत खराब होने पर पीजीआई में भर्ती किया गया था।