लखनऊ। आल इंडिया पासपोर्ट कर्मचारी संगठन के आह्वान पर तीसरे दिन भी विरोध जारी रहा। जिसमें देश भर के कर्मचरियों ने अपनी बीस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और नारे लगाए। प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि कमर्चारियों की लम्बे समय से लंबित मांगों की सूची में शनिवार को कार्यालय बंद रखना, ट्रांसफर पालिसी लागू करना, समयानुकूल पदोन्नति, कैडर रिव्यू, अनुवाद अधिकारियों तथा आशुलिपिकों का मुख्य कैडर में मर्जर,
पोस्ट का मर्जर, समय पर डीपीसी कंडक्ट करना, पीएसके तथा पीओएसपीके में कार्य की स्थिति में सुधार लाना, रिक्रूमेंट रुल में सुधार लाना तथा संगठन की मंत्रालय के साथ नियमित बैठकें आयोजित करना आदि मुख्य रूप से शामिल हैं, जिन्हें नियमित अनुरोधों के बावजूद मंत्रालय लगातार नज़रअंदाज़ करती आ रही है।
तीसरे दिन के विरोध प्रदर्शन में संजय कुमार वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुनः ये बातें रखीं कि पासपोर्ट की दिनोंदिन बढ़ती मांग और उसके अनुपात में कर्मचारियों की समुचित संख्या न होने के कारण पासपोर्टकर्मी अपने सामर्थ्य से अधिक तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करने को बाध्य हैं, जिसका दुष्प्रभाव उनके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य तथा पारिवारिक स्थितियों पर पड़ रहा है । 2700 कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या के स्थान पर केवल 1600 की वास्तविक संख्या में पासपोर्ट संगठन का काम चलाया जा रहा है। पीओपीएसके में पर्याप्त आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। शनिवार को भी कार्यालय खोलने के निर्णय से पासपोर्टकर्मियों का व्यक्तिगत जीवन तथा उसकी प्रतिबद्धताएं दांव पर लगी हुई हैं तथा महिला पासपोर्ट कर्मियों की कठिनाइयों के प्रति भी संवेदनशीलता का नितांत अभाव है। ट्रांसफर पॉलिसी न होने की वजह से मनमाने स्थानान्तरण हो रहे हैं, जिनकी न तो कोई निर्धारित समय-सीमा होती है और ना ही कठिनतम से कठिनतम परिस्थितियां होने के बावजूद रिक्वेस्ट ट्रान्सफर के आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है। नेटवर्क कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसका समाधान तुरंत किया जाना चाहिए।