Saturday, April 12, 2025
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रामजन्मभूमि में अक्षय तृतीया पर रामदरबार को स्थापित करने की तैयारी


◆ जून में तिथि तय करके होगी अन्य विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा, तीन दिवसीय कार्यक्रम का होगा आयोजन


◆ पन्द्रह अप्रैल के बाद से जयपुर से शुरु हो जाएगा 18 मूर्तियों का आना


अयोध्या। रामजन्मभूमि में रामदरबार की स्थापना के लिए अक्षय तृतीया की तिथि तय करने पर विचार किया जा रहा है। इस बार अक्षय तृतीया तीस अप्रैल को पड़ रही है। मंदिर में अन्य विग्रहों के प्राण प्रतिष्ठा के लिए जून में कोई अन्य तिथि तय की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा का यह कार्यक्रम तीन दिवसीय तय किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रकार के आयोजन होंगे।

चम्पत राय महामंत्री, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र

                  कारसेवकपुरम में प्रेसवार्ता के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन श्रीरामदरबार के स्थापित होने के बारे में आशा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। यह शुभ दिन है। अक्षय तृतीया को पहली मंजिल के गर्भगृह रामदरबार को स्थापित करने का हमारा विचार है। जून महीने में कोई तिथि के बारें में विचार किया जाएगा। सभी ट्रस्टी आ जाएंगे तो एक साथ प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। यह कार्यक्रम त्रिदिवसीय होगा। मुख्य दिवस से दो दिन पहले प्रारम्भ होकर जलवास,अन्नवास, औषधिवास, शैय्यावास जैसी अनिवार्य अनुष्ठानिक प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।


पन्द्रह अप्रैल से शुरु हो जाएगा जयपुर से मूर्तियों का आना


श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि महर्षि बाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या की स्थापना का समय आ गया है। मूर्तियां लगभग बन चुकी है। वस्त्र और आभूषण तैयार कराए जा रहे हैं। इसमें संत तुलसीदास की मूर्ति स्थापित हो चुकी है। दर्शन करने आने वाले तुलसीदास का दर्शन अवश्य करेंगे। यह सभी प्रतिमाएं सफेद रंग के मकराना मार्बल की है। पन्द्रह अप्रैल से इन मूर्तियों को अपने निर्माण स्थल जयपुर से अयोध्या लाना प्रारम्भ कर दिया जाएगा। अयोध्या आने पर उनके अपने निर्धारित स्थान पर रख दिया जाएगा। प्रतिमाएं पत्थर की बड़ी व भारी है। इसके लिए मशीन वर्क चाहिए होगा। सावधानी रखनी पड़ेगी। लगभग 18 प्रतिमाएं रखी जाएंगी।


सूर्यतिलक को बताया प्रधानमंत्री की परिकल्पना


श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पतराय ने सूर्यतिलक को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना बताया। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने सूर्यतिलक के बारें जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कि रामनवमी के दिन सूर्य तिलक सभी ने देखा होगा। यह प्रधानमंत्री की परिकल्पना है। तीन साल पहले वैज्ञानिको को इसके लिए कहा था।

Ayodhya Samachar

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