अम्बेडकरनगर। वर्तमान में किसान अपनी आगामी खरीफ की फसल की तैयारी में लग गए हैं। धान की नर्सरी डालने के लिए किसान अच्छे से अच्छे और प्रमाणित बीजो के लिए कृषि केंद्रों पर जा रहे है। वहां चहेती कम्पनी बीज न मिलने पर किसान निजी दुकानों से खरीदने को मजबूर रहते हैं। किसानों की मजबूरी का फायदा क्षेत्र में जगह-जगह कुकुरमुत्ते की तरह बिना लाइसेंस के खुली दुकानें उठा रहीं हैं। ऐसे दुकानदार जहां सरकार के राजस्व को चूना लगा रहें हैं वहीं किसानो को भी ठग रहें है। चर्चा है कि कृषि विभाग की मिलीभगत से मुख्यालय क्षेत्र के साथ-साथ पूरे जिले में तहसील मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाके तक धान बीज की दुकानें बिना लाइसेंस के खुल गई हैं। इन दुकानदारों द्वारा किसानों को चूना लगाया जा रहा है। ज्यादा फायदे के चक्कर में इन दुकानदारों द्वारा अप्रमाणित बीज को सर्वोत्तम बता कर बेचा जा रहा है, और पक्का बिल भी नहीं दिया जाता। फसलों के अधिक पैदावार के लिए एक अच्छा मौसम, किसान की कड़ी मेहनत और अच्छे बीज का प्रमुख योगदान होता है ।
किसान अच्छे उत्पादन के लिए जी तोड़ मेहनत करता है ऐसे में यदि किसान को अच्छा बीज नहीं मिला तो उसके साल भर की मेहनत बेकार हो जाती हैं साथ ही पैदावार न होने पर उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि गुणवत्ता हीन बीज बिना पक्के बिल का विक्रय किया जाता है और किसी कारण से बीज का जमाव सही नहीं होता तो इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी,
वहीं कृषि विभाग और जिला प्रशासन पर गंभीर नहीं दिख रहा है रहा है। इस विषय में डी डी कृषि से बात करने का प्रयास किया गया तो उसने संपर्क नहीं हो सका।