अयोध्या। अपनी मांगो को लेकर आउटसोर्सिंग विद्युत कर्मियों का धरना 34वें दिन भी जारी रहा। धरने को लेकर मुख्य अभियंता की तरफ से प्रदर्शनकारियों को साढ़े पांच करोड़ की नोटिस दी गई है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना दे रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने विभागीय अधिकारियों पर हठधर्मिता और तानाशाही पूर्व रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
मुख्य अभियंता द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि 23 अप्रैल से चल रहे धरने में उच्च तीव्रता के लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके कारण विभागीय कार्य बाधित हो रहा है। राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अविलम्ब धरना प्रदर्शन स्थगित करना सुनिश्चित करें, अन्यथा 23 से 31 अप्रैल तक 50 लाख रुपये प्रतिदिन व एक से 20 मई तक प्रतिदिन 10 लाख के हिसाब से क्षति की वसूली की जायेगी। रकम अदा न करने पर एफआईआर की चेतावनी भी दी गई। इससे पहले भी मुख्य अभियंता द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है। नेतृत्व कर रहे संघर्ष समिति अयोध्या के संयोजक रघुवंश मिश्रा ने मुख्यमंत्री मांग किया है कि अल्प वेतन भोगी निविदा संविदा कर्मचारियों के रोजी-रोटी को बहाल कराया जाए और प्रबंधन की ओर से लिए गए निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त किया जाय। संचालन विद्युत मजदूर पंचायत के नेता ज्ञानेंद्र यादव ने किया। मौके पर विद्युत मजदूर पंचायत के जिलाध्यक्ष जय गोबिंद सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष सुशील मौर्या, रुदौली खंड के अध्यक्ष सत्येन्द्र पांडे, विकास तिवारी, इंद्र बहादुर सिंह, राम प्रकाश, संदीप तिवारी उपस्थित रहे।