◆ हर हर गोविंद ,जय गोविंद के नारों से गुंजमान रहा गोविंद साहब मेला परिसर
@ सुभाष गुप्ता
बसखारी अम्बेडकर नगर। गोविंद दशमी के पवन स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के अप्रत्याशित भारी भीड ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।मेला गोविंद साहब परिसर में आस्था के स्नान पर्व पर नवमी से ही गोविंद श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ने लगा। देर रात से ही गोविंद भक्तों से मेला स्थल भर गया। और रात्रि 12 बजे के बाद गोविन्द सरोवर में स्नान करने सिलसिला शुरू हो गया। और पूरा मेला परिसर जय गोविंदा के नारों से गूंज उठा।
स्नान के बाद भक्तों ने कच्ची खिचड़ी, सफी ,पुष्प और बताशा आज प्रधान को हाथों में लेकर गोविंद समाधि स्थल पर पहुंचे और अर्चना कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना की। यह सिलसिला दशमी दिन शुक्रवार को भी पूरे दिन चलता रहा। रात 12:00 बजे के बाद शुरू हुआ स्नान देर रात तक चलता रहा। बताया जाता है कि इस महा स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने गोविंद सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई।श्रद्धालुओं की भारी सैलाब को देखते हुए मेला के व्यवसायी काफी खुश दिखाई पड़े।वहीं पर मनोरंजन प्रतिष्ठान वाले परमिशन न मिलने के कारण सन्नाटे में पड़े रहे।बताते हैं कि नवमी और दशमी को दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रतिष्ठानों में रहने का ठौर मिल जाता है।
और प्रतिष्ठान वाले मालिकों को नवमी दशमी को इन श्रद्धालुओं से काफी आमदनी हो जाती है।किंतु अबकी वर्ष परमिशन न मिलने से मनोरंजन वाले निराशा में दिखाई पड़े।जबकि दशमी के दिन समाचार प्रेषण तक मनोरंजन वालों को परमिशन नहीं मिल पाया था।ज्ञातव्य हो कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई पहली मेला व्यवस्था की बैठक में मनोरंजन प्रतिष्ठान वालों को नवमी से पहले ही उनको परमिशन मिलने की मांग की गई थी।किंतु परमिशन न मिलने से मनोरंजन वालों को उदास ही रह जाना पड़ा। लोगों का अनुमान है कि अबकी वर्ष गोविंद दशमी पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ 5 लाख से ऊपर रही है। हालांकि भारी भीड़ के चलते मेले में गंदगी बढ़ गई है। वह आलाव की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं ठंड में ठिठुरते नजर आए।महंत बाबा प्रेमदास के हातें में श्रद्धालुओं के लिए कुछ समाजसेवियों द्वारा खिचड़ी का लंगर भी चलाया गया। गोविंद भक्तों की उमड़ी भारी भीड़ के चलते अमड़ी से गोविंद साहब अमोला से गोविंद साहब और अन्य रास्तों पर वाहनों का जबरदस्त जाम लगा रहा। जिसके कारण से आवागमन काफी प्रभावित रहा जनहित ध्यान योग आश्रम गोविंद साहब मठ के अध्यक्ष/ महंत न्यास परिषद बाबा भगेलू दास जी महाराज की तरफ से श्रद्धालुओं की ठहरने और उनके लिए अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था भी उपलब्ध रही।
गोविंद बाबा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से पूर्ण होती है मनोकामना
अंबेडकर नगर आजमगढ़ जनपद की सीमा पर स्थित अहरौली गोविंद साहब लाखों श्रद्धालुओं की भक्ति व आस्था का केंद्र है। अगहन मास की गोविंद दशमी को यहां पर लाखों श्रद्धालुओं का रेला गोविंद सरोवर में स्नान करने और गोविंद बाबा की समाधि स्थल प्रदर्शन करने के लिए उमड़ पड़ता है।गोविंद साहब मेला परिसर में स्थित सरोवर में स्नान करने व गोविंद बाबा की समाधि स्थल पर अन्य पूजा सामग्रियों के साथकच्ची खिचड़ी का प्रसाद चढ़ाकर पुजा अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महात्मा गोविंद साहब का जन्म सन 1725 व विक्रम संवत 1782 की अगहन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि दिन मंगलवार को अंबेडकर नगर जनपद ,जलालपुर तहसील के नागपुर गांव में पृथु धर द्विवेदी व दुलारी देवी यहां पुत्र रूप में हुआ था। गोविंद साहब के बचपन का नाम गोविंदधर द्विवेदी था। उनकी प्राथमिक शिक्षा जलालपुर गांव में हुई थी।इसके बाद और सुर भारती के अध्ययन के लिए वह ज्ञान की राजधानी काशी में चले गए। जहां पर कुशल गुरुओं से शिक्षा प्राप्त कर किशोर अवस्था में ही वह संस्कृत के प्रकंड विद्वान बन गए। और जाति-पाति से ऊपर उठकर गोविंद बाबा ने सभी जातियों व धर्म के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोने होने का काम किया। यहां आने वाले श्रद्धालु मंदिर से सटे सरोवर में स्नान कर पूण्य अर्जित करते हुए समाधि स्थल पर चादर और चावल दाल मिश्रित कच्ची खिचड़ी के साथ रस पूर्ण गन्ना भी प्रसाद के स्वरूप चढ़ाते हैं। खिचड़ी, गन्ना और सरोवर में स्नान समरसता और एकता का प्रतीक माना गया है। ताने-बाने से बनी चादर भेदभाव समाप्त करती है। और यही एकता की चादर गोविंद साहब को प्रिय थी। खिचड़ी को आंतरिक प्रेम का प्रतीक माना जाता है। जबकि गन्ना रस व मधुरता का पवन सूचक है। मान्यता है कि सच्चे मन से गोविंद सरोवर में स्नान कर अन्य पूजा सामग्रियों के साथ कच्ची खिचड़ी का प्रसाद चढ़कर की गई पूजा अर्चना से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है।
गोविंद दशमी स्नान सुरक्षा व्यवस्था के भी रहे कड़े इंतजाम
मेला परिसर में भारी भीड़ को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी मुस्तादी के साथ जुटा रहा। 21/22 दिसंबर की रात्रि12:00 के बाद शुरू हुए पवित्र स्नान पर्व पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं को भीड़ को कोई असुविधा न हो इसके लिए गोविंद मठ परिसर पर बैरिकेडिंग की गई थी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जनपद के सभी थानों की पुलिस व महिला पुलिसकर्मियों के साथ गैर जनपद के भी पुलिस,पीएसी व पीआरडी के जवान लगाए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से आलापुर उप जिला अधिकारी सौरभ शुक्ला और सी ओ मेला परिसर में कैंप किए हुए थे। वहीं मेला प्रभारी कृपा शंकर यादव भी भारी पुलिस बल के साथ मेले की चौकसी करते रहे।