अम्बेडकर नगर। सन्त शिरोमणि रविदास जी की जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को सरस्वती शिशु मंदिर टाण्डा में उनके जीवन पर गोष्ठी का आयोजन कर उनके जीवन पर बच्चों के समक्ष प्रकास डालने का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में श्याम बाबू व विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में शोषित परिषद के महामंत्री/संस्थापक सदस्य इंजीनियर धर्मेंद्र रहे।सर्वप्रथम माँ शारदे व सन्त रविदास के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित व पुष्प अर्चन किया गया तद्पश्चात प्रधानचार्य अर्जुन द्वारा अतिथि परिचय करवाया गया।
श्याम बाबू ने कहा कि सन्त रविदास जी ने अपने भक्ति की शक्ति के बल पर अपने जूते बनाने में उपयोग आने वाले कठौते में भगवान का दर्शन करवा कर ये साबित कर दिया कि भगवान भक्त के वश में होते है बस जरूरत है उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ याद करने और उन्ही के नाम मे रमने की और ऐसा ही काम कर सन्त रविदास ने ये साबित कर दिया कि भगवान तो सबके है पर आज उन्ही के नाम का उपयोग कर कुछ नादान समाज मे विघटन पैदा करने का काम कर रहे है। सन्त कभी किसी से ईर्ष्या नही करते बल्कि सभी के हित मे काम कर समाज को जोड़ने का काम करते है!
इंजीनियर धर्मेंद्र ने कहा कि महापुरुष का जन्म ही सर्व समाज के कल्याण के निमित्त होता है वो बिना किसी स्वार्थ के अपना काम करते रहते है और समाज के एक वर्ग से उन्हें तमाम प्रकार से बदनाम व रास्ते से बरगलाने का काम होता है पर वो एक सूत्र में रहकर अपने कामो में व्यस्त रहते है।
अंत मे श्याम बाबू ने रामचरित मानस से जुड़े प्रश्नों के द्वारा बहनो और भैया लोगो के ज्ञान की क्षमता का आकलन किया। संचालक सर्वजीत आचार्य ने सबका आभार ज्ञापित कर पूर्णमिदा मंत्र कर आचार्य सुरेन्द्र पांडे द्वारा कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।