अंबेडकर नगर। एनटीपीसी टांडा परियोजना का 23वां स्थापना दिवस शनिवार को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। परियोजना स्थित विश्वकर्मा पार्क में आयोजित इस समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) के गंगोपाध्याय ने एनटीपीसी ध्वज फहराया। तत्पश्चात कर्मचारियों ने एनटीपीसी गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने केक काटकर सभी को स्थापना दिवस की बधाई दी।
इस अवसर पर के गंगोपाध्ययय ने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होनें अधिग्रहण काल से लेकर अब तक हुई परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से टांडा परियोजना (4×110) का शिलान्यास 30 दिसंबर, 1981 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी के करकमलों से सम्पन्न हुआ था। एनटीपीसी द्वारा इस परियोजना का अधिग्रहण 14 जनवरी 2000 को मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 से किया गया था।
टांडा थर्मल पावर स्टेशन अधिग्रहण के समय 14 प्रतिशत पी0एल0एफ0 पर चल रहा था। अधिग्रहण के उपरान्त एनटीपीसी टांडा के तत्कालीन परियोजना प्रमुख ने अपनी छोटी सी टीम के साथ प्लांट के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया। टांडा टीम के समर्पणभाव से किये गये कठोर परिश्रम का परिणाम रहा कि शीघ्र ही प्लांट शत-प्रतिशत क्षमता पर चलाया जाने लगा।
एनटीपीसी टांडा के इतिहास में एक नया अध्याय द्वितीय चरण विस्तारीकरण के रूप में जोड़ा गया। इसमें 660 मेगावाट की दो इकाइयों के संस्थापन से एनटीपीसी टांडा को सुपर थर्मल पावर स्टेशन के रूप में एक नई पहचान मिली और अब इसकी कुल संस्थापित क्षमता 1760 मेगावाट हो गयी है। अब यह परियोजना विद्युत उत्पादन के साथ-साथ मानव संसाधन, नैगमिक सामाजिक दायित्व एवं पर्यावरण के क्षेत्रो में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
इस अवसर पर महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवाएँ) डा0 उदयन तिवारी, महाप्रबंधक (परियोजना) अतुल गुप्ता, महाप्रबंधक (ईंधन प्रबंधन) पी एल नरसिम्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन) अभय कुमार मिश्रा, डिप्टी कमांडेंट (के.औ.सु.ब.) धर्मेंद्र राजपूत, सभी विभागाध्यक्षगण एवं कर्मचारी मौजूद रहे।