जलालपुर, अंबेडकर नगर। शूद्र कोई जाति से नहीं होता है, वह या तो कर्म से होता है या तो सोच से होता है, जिसकी सोच शूद्र की होगी वही शुद्र होता है, आप मनुष्यता की बात क्यों नहीं करते उक्त बातें जेडीयू प्रदेश सचिव रमेश मिश्रा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि लोग बांटने की राजनीति करते हैं, अगर उनको बात करनी है तो मानवता की बात करें अपने अपने धर्म में रहकर सभी को अपनी पूजा और पद्धति के अनुसार उपासना का अधिकार संविधान ने दिया है,उसमें रहना चाहिए। मैं रामचरितमानस में विश्वास करता हूं और राम मेरे आराध्य है इस पर चोट करने का अधिकार किसी को नहीं है किसी को ना तो बाइबिल ना तो कुरान पर भी चोट करने का अधिकार नहीं है। सपा नेता के बयान पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने जो भी लिखा है वह समय के अनुसार ही लिखा है, उनकी एक चौपाई को आपकी पीढ़ियां नहीं समझ सकती है तो आप बयान कैसे दे पाएंगे। वही केंद्रीय बजट को लेकर भी भाजपा की जमकर धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि बजट महज एक छलावा है इसमें गरीब ,युवा, वंचित, पिछड़ों और महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। बजट में सप्तर्षि प्राथमिकताओ का समावेश किया गया है, लेकिन हरित विकास की बात हो या युवाओं के विकास की बात हो, समावेशी विकास की बात हो, इन योजनाओं में ऐसा क्या नया है जो पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं किया था कम या ज्यादा सभी सरकारों ने इन सारी प्राथमिकताओं पर काम किया है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए जदयू नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी कोई काम करते हैं उसका सारा श्रेय खुद लेना चाहते हैं, इन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि जो किसान हमारे अन्नदाता है जिनके बलबूते भारत कृषि प्रधान देश है उनको बुवाई के समय डीएपी मिल पाती है या नहीं सिंचाई के बाद यूरिया आसानी से ले पाते हैं या नहीं। गरीबों को केंद्र में रखते हुए सरकार कुछ भी काम नहीं कर रही है।