जलालपुर अंबेडकर नगर। विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा रैली निकालकर राष्ट्रपति को संबोधित 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन नायब तहसीलदार सौपा गया। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद की मांग है कि कॉमन सिविल कोड लागू करने का कानून बनाकर आदिवासियों की पहचान को खत्म करके उन्हें हिंदू बनाने की साजिश की जा रही है ,विकास के नाम पर पर्यावरण संरक्षण के नाम पर एवं अन्य प्राणियों के संरक्षण के नाम पर आदिवासियों को जल जंगल और जमीन से विस्थापित करने एवं उनकी रोजी-रोटी छीनने का षड्यंत्र किया जा रहा है। मणिपुर में आदिवासियो पर बड़े पैमाने पर अन्याय एवं अत्याचार किए जा रहे हैं उनकी बस्तियों में आग लगाई जा रही है जिसकी वजह से मणिपुर के आदिवासी बड़े पैमाने पर पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के नाम पर जंगलों के आसपास रहने वाले आदिवासियों को बड़े पैमाने पर फॉरेस्ट विभाग के द्वारा विस्थापित किया जा रहा है। जड़ मूल से रहने वाले आदिवासियों के गांव को रेवेन्यू विलेज का दर्जा आजादी के 75 वर्षों के बाद भी प्रदान नहीं किया गया यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है। इस मौके पर परिषद के अध्यक्ष प्रेमचंद गौड़, मंगला प्रसाद, विक्रम, सोनू समेत दर्जनों लोग शामिल रहे।