Monday, April 14, 2025
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्यागांवों में निवास किए बगैर लेखपाल ले रहे हैं किराया भत्ता,

गांवों में निवास किए बगैर लेखपाल ले रहे हैं किराया भत्ता,

कुमारगंज, अयोध्या। लेखपालों द्वारा राजस्व परिषद के निर्देशों का पालन नही किया जा रहा है। गांवो में निवास करने के नाम पर मकान किराया भत्ता लेने के बावजूद अपने क्षेत्र में निवास नही किया जा रहा है जिसके चलते सरकारी भूमि के सरंक्षण, फॉर्मर रजिस्ट्री सहित अनेको सरकारी कार्य समय पर पूरे नही हो पा रहे। किसानों व स्कूली बच्चों को तहसील का चक्कर काटना पड़ता है।

          आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश अनुभाग- 4 लखनऊ मनीषा त्रिघाटिया द्वारा 25 नवंबर 2024 को  इस आशय का पत्र जारी किया गया था कि उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा नियमावली 2006 के नियम-26 में प्रावधानित व्यवस्था का अनुपालन कराया जाए। पत्र में कहा गया है कि विभिन्न माध्यमों से परिषद स्तर पर यह संज्ञान में आया है कि उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा नियमावली 2006 के नियम 26 में प्राविधानित व्यवस्था का अनुपालन नहीं किया जा रहा जिससे शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है। उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा नियमावली 2006 के नियम 26 में स्प्ष्ट उल्लेख है कि लेखपाल अपने हल्का के भीतर ही निवास करेगा। जब तक कि उसने अपने निवास से बाहर रहने का आदेश जिलाधिकारी से प्राप्त न कर लिया हो। इस निर्देश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपीं गई थी।

         अकेले मिल्कीपुर तहसील में 107 लेखपाल मंडल क्षेत्र हैं। जिसमें 66 लेखपालों की तैनाती है। तैनात लेखपालों में न्यूनतम लेवल 3 द्वारा 800 और अधिकतम लेवल 7 द्वारा 1840 रुपए मकान किराया भत्ता प्रतिमाह लिया जाता है। जबकि लेखपाल अपने तैनाती क्षेत्र में निवास नही करते है। लेखपालों के क्षेत्र में निवास न करने के चलते सरकारी भूमि के सरंक्षण, फॉर्मर रजिस्ट्री सहित अनेको सरकारी कार्य समय पर पूरे नही हो पाते।किसानों को खसरा ,वरासत,जन्म प्रमाण पत्र तथा स्कूली बच्चों को आय,जाति, निवास आदि प्रमाण पत्रों के लिए लेखपालों से मिलने के लिए तहसील का चक्कर काटना पड़ता है।

            क्षेत्र पंचायत सदस्य अहिरौली सलोनी रीता शर्मा ने बताया कि मेरे गांव में लेखपाल कभी निवास नहीं करते। पारा धमथुआ के प्रधान का कहना है कि गांव में कभी लेखपाल ने निवास नही किया किसी घटना के होने पर सूचना देने पर आते है। कहते है कई गांवों का चार्ज है।

         इस संबंध में जब तहसीलदार मिल्कीपुर सुमित कुमार सिंह से जानकारी चाही गई तो बताया कि एक लेखपाल के पास कई गांव हैं लेखपाल अपने गांव में ही निवास करते हैं। फिलहाल सही स्थिति क्या है लेखपाल क्षेत्र में निवास करता है या बिना निवास किए ही मकान किराया भत्ता लेता है यह जांच का विषय है।

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